मधेपुरा के जीतपुर प्रखंड के चामगढ़ गांव में एक
बरगद के वृक्ष में है मां लुकेश्वरी, जहां पर होता है लाइलाज बीमारी का इलाज.
अस्पताल की तरह यहाँ बरगद के वृक्ष के नीचे मरीज मच्छरदानी लगाकर भर्ती रहते हैं
और माँ लुकेश्वरी से अपना इलाज कराते हैं. छोटे शहरों से लेकर महानगरों तक से रोग
दिखा चुके कई रोगियों का दावा है कि यहाँ महीनों दिन तक मरीज रुक कर नि:शुल्क इलाज
कराते हैं और चंगा होकर जाते हैं. इस वृक्ष की पूजा पाठ के अलावे नारियल तेल, कपूर
तथा माजूम फल के सहारे यहाँ मरीजों का ईलाज होता है.
आस्था का आलम ये है कि यहाँ
बिहार सहित पडोसी देश नेपाल से भी भारी संख्या में श्रद्धालू और सभी तरह के रोगी
आते हैं. कहा जाता है कि खासकर बीमार व नि:संतान को मां जरूर खुश कर भेज देती है जिसके
कई उदहारण यहां मौजूद हैं. खासकर प्रत्येक मंगलवार को तो यहाँ हजारों की संख्या में
लोग मन्नतें लेकर आते हैं.
वहां मौजूद कई श्रद्धालुओं को
कहना था कि वे अपने आसपास माँ लुकेश्वरी के आशीर्वाद से ठीक हुए लोगों को ही देखकर
यहाँ आए हैं और उन्हें विश्वास है कि उनकी मन्नतें जरूर पूरी होंगी और उनके घर के
रोगी यहाँ से स्वस्थ होकर जायेंगे.
उन्नत मेडिकल साइंस के युग में
हम भले ही इसे अंधविश्वास कह दें लेकिन हकीकत यह है कि कई दशकों से लोग अपनी समस्या
को लेकर यहां आते हैं और उनका अटूट विश्वास भी है माता पर.
यहाँ वृक्ष में मौजूद देवी करती है बीमारी का इलाज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 15, 2013
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