जिला मुख्यालय का डीआरडीए का सभागार आज जिले के कई
अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खुलासे का गवाह बन गया. सांसद शरद यादव की अध्यक्षता
में चली अनुश्रवण समिति की बैठक में जिले बिजली विभाग के पदाधिकारी, एनआरईपी के
इन्जीनियर, पुरैनी के बीडीओ, मधेपुरा के बीडीओ की करतूत से लेकर जिले में
भ्रष्टाचार और लूट-खसोट के कारनामों को जनप्रतिनिधियों ने उजागर किया.
विधायक चंद्रशेखर, पुरैनी के प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश सिंह,
ग्वालपाड़ा के प्रमुख चंद्रशेखर आदि ने इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री सड़क योजना और जिले
के कई सरकारी कार्यालयों तथा अन्य योजनाओं धड़ल्ले से चल रहे मनमानी और लूट-खसोट
को उजागर किया.
मधेपुरा प्रखंड की बीडीओ नमिता कुमारी पर आरोप लगाया गया कि वे
जनप्रतिनिधियों को कोई तरजीह नहीं देती हैं. योजना सम्बंधित किसी तरह का
विचार-विमर्श किसी से नहीं करती है और इंदिरा आवास तक क्रम तोड़ कर बाँट देती है.
बिजली विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाये गए कि ट्रांसफार्मर लगाने के
नाम पर विभाग के द्वारा घूस मांगे जाते हैं. अधिकारी गरीब लोगों को टोका लगाने पर तो
पकड़ती है, पर कई घन्धे वालों को नाजायज पैसे लेकर मुफ्त में बिजली दे रही है.
सांसद गर्म, डीएम बचाने की जुगत
में: शिकायतों और आरोपों की झडी सुनकर सांसद शरद यादव जहां गर्म नजर आ रहे थे वहीं
मधेपुरा के जिलाधिकारी हरेक पदाधिकारी के बचाव की मुद्रा में थे.
मीडियाकर्मियों को किया बाहर: जब डीएम ने देखा कि
मीडियाकर्मियों के सामने सारे अधिकारियों की पोल एक-एक कर खुल रही है तो उन्होंने
डीपीओ संदीप कुमार को इशारा किया और तब डीपीओ संदीप कुमार ने डीपीआरओ को कहा कि
मीडिया वालों को निकाल दें तो डीपीआरओ ने सभी मीडियाकर्मियों से अनुरोध कर उन्हें
बाहर कर दिया. पर तब तक जिले के ढेर सारे विभागों के भ्रष्टाचार का चिट्ठा कैमरे
में कैद हो चुका था. जिले के मीडियाकर्मियों में उन्हें बैठक से बाहर निकाले जाने को
लेकर भारी आक्रोश है.
सांसद के सामने खुली अधिकारियों की पोल, डीएम बचाने की मुद्रा में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 11, 2013
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