अपराध कथा(1): नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी और फैजान का था खौफ

कोसी आज अपेक्षाकृत शांत है. आपराधिक गतिविधियों में मामले में अब लोग लगभग चैन की नींद सो रहे हैं. पर अपराध के हाल के दौर को याद कर इलाके के लोगों में अब भी भय पैदा हो जाता है और जिसने उस दौर को करीब से देखा है वे अब ईश्वर से विनती करते हैं कि हे ईश्वर ! अपहरण, फिरौती और हत्या के उस समय को फिर से न लाना वर्ना जीना हराम हो जाएगा.
      कोसी में दहशत के वे दिन करीब वर्ष 1987-88 में शुरू हुए थे जब उधर पूर्णियां में टोला सिंह ने नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी (एनबीएलए) का गठन किया था और चौसा-पूर्णियां सीमावर्ती क्षेत्र में अवधेश मंडल ने फैजान गिरोह की शुरुआत की थी. टोला सिंह नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी
के सुप्रीम कमांडर बने और अवधेश मंडल फैजान गिरोह के सुप्रीमो. करीब दो दशक तक इन दोनों गिरोहों में आपसी भिडंत होती रही और कम से कम सौ से अधिक लोग कोसी के अंडरवर्ल्ड के शिकार हो गए. इस आपसी दुश्मनी में अत्याधुनिक हथियार खरीदकर अपनी ताकत बढ़ाने की होड़ शुरू हुई तो फिरौती के लिए अपहरण भी इस इलाके में अपराधियों के लिए एक व्यवसाय बन कर उभर गया.
      उधर जहाँ फैजान गिरोह में अपराध करने से सम्बंधित अधिकाँश फैसले अवधेश मंडल खुद लिया करते थे, वहीं नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी ने एक पूरा संगठन तैयार कर लिया था. सुप्रीम कमांडर टोला सिंह के नेतृत्व में एनबीएलए के अध्यक्ष बनाए गए शंकर सिंह, उपाध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए बुच्चन यादव, मनोज सिंह को आर्मी कमांडर की जिम्मेवारी दी गई, प्रवक्ता बने चन्दन सिंह और पश्चिमी एरिया कमांडर बनाए गए सूरज सिंह.
      सूत्रों का मानना है कि कोसी के आतंक बने इस दोनों गिरोहों के पास कई एके-47 तथा एके-56 भी मौजूद थे और मधेपुरा-सहरसा-पूर्णियां जिले की पुलिस भी इनसे खौफ खाती थी और बच कर रहना चाहती थी. नतीजा ये हुआ कि इलाके में क़ानून का नहीं अपराधियों का राज कायम हो गया था. (क्रमश:)
(क्राइम रिपोर्टर)
अपराध कथा(1): नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी और फैजान का था खौफ अपराध कथा(1): नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी और फैजान का था खौफ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 08, 2013 Rating: 5

1 comment:

  1. Dusre rajyon mein Rajniti ka apradhikaran hua hai lekin Bihar mein apradh ka hi rajnitikaran ho gaya hai..Kosi aur Purnia ke ilake iska acha udahran hai..Yahan pe apradhik charitra ke logon ko robinhood bana diya gaya hai..ismein apni jati ke liye wafadari ka bahut bada yogdan hai

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