बँसबिट्टी में ज्ञान की गंगा: एक स्कूल ऐसा भी

  नि० प्र०/01/11/2012
वैसे तो पूरा राज्य शिक्षा में बदहाली के आंसू रो रहा है पर मधेपुरा के एक स्कूल का हाल जब आप सुनेंगे तो चौंक जायेंगे. मानिकपुर पंचायत के उत्तरी हरिजन टोला के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का भवन तो देखिये. आपने शायद ही कभी पहले ऐसा भवन देखा होगा. यहाँ बांस के बीच में बह रही है ज्ञान की गंगा. यानि भवन विहीन चल रहा है ये विद्यालय बँसबिट्टी में. भवन सरकारी नहीं है बल्कि प्रकृति प्रदत्त है. और यहीं मिलती है गरीब के बच्चे को सूबे की सरकार के द्वारा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा.
            जानिये कि ये कोई नया विद्यालय नहीं है बल्कि इस विद्यालय को लोग सात सालों से इन्हीं बांस के नीचे चलते देख रहे हैं. इस स्कूल में करीब दो सौ बच्चे नामांकित हैं. पर इसकी ऐसी बदहाली के कारण बच्चों की संख्यां काफी कम रहती है. तीन शिक्षकों के इस अजूबा स्कूल में खिचड़ी बनाने से पहले स्कूल की रसोईया बच्चों के बैठने की जगह पर झाड़ू भी लगा देती है,
            प्रधानाध्यापक उमेश कुमार कहते हैं कि कई बार जिले के पधाधिकारियों को इस सम्बन्ध में लिखा गया है परन्तु सिर्फ आश्वासन ही मिला है. वहीं स्कूल की हालत सुनकर सर्वशिक्षा अभियान के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राहुल चौधरी की पहले तो बोलती बंद हो जाती है फिर हिम्मत जुटा कर कहते हैं कि जमीन की व्यवस्था की जा रही है. जानकारों का मानना है कि जिले में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार शिक्षा विभाग में ही है. ऐसे में इस सवाल का जवाब कौन देगा कि इस स्कूल की बदहाली के जिम्मेवार स्थानीय विभाग है या फिर सूबे की सरकार ???
बँसबिट्टी में ज्ञान की गंगा: एक स्कूल ऐसा भी बँसबिट्टी में ज्ञान की गंगा: एक स्कूल ऐसा भी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 01, 2012 Rating: 5

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