‘बिजली है नहीं उद्योग लगाने की बात करते हैं,ये कैसा सुशासन !’

 संवादददाता/13 सितम्बर 2012
 मुरलीगंज क लोगों का गुस्सा इन दिनों सुशासन के सरकार पर बढ़ा हुआ है.कारण साफ़ है, कभी कमिश्नरी का गौरव हुआ करता मुरलीगंज आज बदहाली के आंसू रो रहा है.सरकार की उपेक्षा यहाँ की बदहाली के पीछे जिम्मेवार है.मधेपुरा या पूर्णियां किसी भी रास्ते से आप मुरलीगंज जाएँ दुर्घटना को आमंत्रित करती सडकें कम से कम आपको कमर दर्द तो दे ही सकती हैं.दूसरी आधारभूत समस्या बिजली की है जिसकी हालत जिले में शायद सबसे बुरी है.ऊपर से इस शहर में बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की करतूत तो और भी परेशान करने वाली है.एक बानगी लीजिए मुरलीगंज के वार्ड नं. 9 की, यहाँ लगे ट्रांसफार्मर को तीन महीने में चार बार बदला गया है , पर अभी ये ट्रांसफार्मर जला ही हुआ है और सरकार ने यहाँ लोगों के लिए अँधेरा कायम कर रखा है.ठीक होने के बाद ट्रांसफार्मर के खराब होने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि बिजली मिस्त्रियों ने शहर में सैंकडों लोगों को अवैध कनेक्शन दे रखा है जिससे ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है और ये कभी भी खराब हो जाता है.
   यहाँ की जनता अब सुशासन को कोसने लगी है. बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ, पटना व्यवसायी के सदस्य बिनोद बाफना तो यहाँ तक कहते हैं कि इससे बेहतर तो लालू राज ही था.यहाँ सरकार उद्योग लगाने की बात करती है, पर इसे एक ट्रांसफार्मर लगाने में महीनों लग जाते हैं.सरकार ड्रामाबाजी कर रही है, लोकल कस्टमर को तो बिजली नहीं दे पा रहे हैं और बाहर से उद्योगपति को बुलाने की बात करते हैं.ये आगे कहते हैं कि बिहार सरकार पेपर वाले को पैसा देकर प्रचार निकलवाते हैं और सुशासन चला रहे हैं.
    जाहिर सी बात है, सरकार के रवैये से लोग यदि इसी तरह परेशान रहने लगेंगे तो आक्रोश झलकेगा ही.
सुनें  इस वीडियो में मुरलीगंज की जनता को,यहाँ क्लिक करे.
‘बिजली है नहीं उद्योग लगाने की बात करते हैं,ये कैसा सुशासन !’ ‘बिजली है नहीं उद्योग लगाने की बात करते हैं,ये कैसा सुशासन !’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 13, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. bafna bat toh sahi keh rahe hain..bina bijli ke kuch nahi hone wala...nitish ne bada wada toh kiya hai ki agle assembly chunao se pehle halat nahi sudhre toh woh election mein khade nahi honge..chakkar yeh hai kai Nitish se pehle bihar ka infrastructure aur law and order bekar the jise thik kiya gaya..bus media ne publicity de di...ddhyan se dekhein toh roads aur faster criminal trails ke alawa kuch khas nahi hua.han garibo ko relief aur grants khoob bante gaye ,jisse nitish ko vote mila.

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