संवाददाता/01 सितम्बर 2012
जिले में छेड़खानी के मामले में गंभीर हुई पुलिस अब
पियक्कड़ों को भी मजा चखाने का मन बना चुकी है.यूं तो शराब की दुकानों को सूबे की
सरकार ने बड़ी आमदनी का जरिया बना रखा है, पर नशे की हालत में सड़क पर अपना ‘स्टाइल’ दिखाने वाले पियक्कड़ों को सबक
सिखाने को तत्पर मधेपुरा पुलिस का इस काम में सहारा बन चुकी है बिहार पुलिस
अधिनियम 2007 की धारा 79, जिसमें शराब पीकर माहौल बिगाड़ने वालों को पुलिस पकड़ कर
उसका मेडिकल टेस्ट करा एसडीओ के समक्ष प्रस्तुत करेगी और फिर पियक्कड़ महाशय बौंड
के साथ पांच हजार रूपये तक फाइन जमा करेंगे.एसडीओ तक जाने तक हवालात की हवा और फिर
जेब पर भारी आर्थिक आघात मधेपुरा के इन पियक्कड़ों को सुधारने में निश्चय की कारगर
साबित होगी.
मधेपुरा
के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने जिले के सभी थानाध्यक्षों को इस अधिनियम के
तहत शराबियों को सुधारने का निर्देश तो दे ही दिया है और मधेपुरा थाना के
थानाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह ने जिले में पहली बार इस नियम का प्रयोग कर एक फर्नीचर मालिक को दंड दिलवाया.
मधेपुरा में अब पियक्कड़ों के नशे उतारेगी पुलिस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2012
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ye log anti social element hain,,sharab ka toh bas bahana hai..kabhi kisi bhale ghar ke aadmi ko pee ke lafangai karte dekha hai
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