संवाददाता/27/09/2012
अधिकार यात्रा के चरण में
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही आज शाम मधेपुरा पहुँच गए हों, पर यहाँ उनके आगमन
की तैयारी के दौरान ही उभरे एक विवाद से पार्टी की अंदरूनी प्रतिद्वंद्विता उभर कर
सामने नजर आने लगी है.मामला जिला मुख्यालय स्थित कर्पूरी चौक पर कर्पूरी प्रतिमा
स्थल से सम्बंधित है.नीतिश कुमार के आने की तैयारी में मधेपुरा में जगह-जगह तोरण
द्वार और बैनर-होर्डिंग लगाये हैं.पर कर्पूरी की प्रतिमा स्थल पर मुख्य पार्षद
विजय यादव की नीतीश के स्वागत से संबंधी होर्डिंग पर जदयू के ही कई नेताओं को
आपत्ति है.जदयू के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र प्रसाद यादव कहते हैं कि ये पार्टी के
निर्देश के अनुसार नहीं है.वे कहते हैं कि सीएम हाउस से इस अधिकार यात्रा के दौरान
पूरे बिहार में जदयू के व्यावसायिक प्रकोष्ठ को ही बैनर तथा होर्डिंग लगाने का
निर्देश दिया गया था.कर्पूरी प्रतिमा स्थल पर होर्डिंग लगाना उनके अपने दिमाग की
उपज है. जदयू के प्रदेश महासचिव बी.बी. प्रभाकर जिन्हें अधिकार यात्रा में मधेपुरा
तथा सहरसा का प्रभारी बनाया गया है, भी जदयू जिलाध्यक्ष की बातों का समर्थन करते
हुए कहते हैं कि वहां किसने होर्डिंग लगाया है ये पार्टी को पता नहीं है.
पर होर्डिंग लगवाने वाले मुख्य पार्षद इस
मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया साफ़ शब्दों में व्यक्त करते हैं.कहते हैं बिहार को
विकास के रास्ते पर ले जाने वाले मुख्यमंत्री मधेपुरा आ रहे हैं तो होर्डिंग लगाना
उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का एक तरीका है.जहाँ तक कर्पूरी प्रतिमा स्थल पर
बैनर लगाने पर मेरे राजनीतिक साथी के द्वारा आपत्ति की बात है तो इन्हें अपनी
मानसिकता बदलनी चाहिए.कर्पूरी प्रतिमा स्थल के लिए तो कभी आंदोलन करते नहीं है,
वहाँ मिट्टी के ढेर को ढँक कर यदि मैंने बैनर लगा कर हर्षोल्लास व्यक्त किया तो
इसमें गलत क्या है?
isko kehte hain, bat ka batangad banana ...banner laga liya toh kya ho gaya ..
ReplyDelete