जिले में दूध से ज्यादा बिकती है शराब: कृपा सुशासन की

रूद्र ना० यादव/02 सितम्बर 2012
ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं.मधेपुरा जिले में शराबियों के लिए अब दूध अमृत नही रह गया है,उनके जीने के लिए अब दूध से बढ़कर है शराब. जिले में दूध की बिक्री एक माह में मात्र 40 लाख रूपये की है, पर यहाँ शराब की बिक्री माह में 3 करोड़ रूपये की हो जाती है.शराब की इतनी बड़ी मात्रा में बिक्री की जानकारी मधेपुरा टाइम्स को जिले के उत्पाद अधीक्षक केशव कुमार झा से मिली.
   युवाओं के भविष्य को गर्त में धकेलने में सुशासन की सरकार भी कम जिम्मेवार नहीं है.मधेपुरा जिले के हर पंचायत में सरकार ने खुलवा दी है शराब की दुकानें, जहाँ आपको सभी तरह की देशी और विदेशी मशालेदार शराब उपलब्ध मिलेंगी.आलम यह है कि शाम ढलते ही गाँवों और शहरों में शराब पीकर अधिकाँश युवा मदमस्त हो जाते हैं.एक समय था जब लोग दूध के बिना खाना अधूरा मानते थे, पर अब युवाओं की पहली पसंद दारू बन चुकी है.बहुत से युवा ऐसे भी हैं जिन्हें यदि खाने के साथ शराब मयस्सर नहीं हो तो वे पेट भर खा भी नहीं पाते हैं.
     पर इससे सरकार को क्या फर्क पड़ता है.युवाओं के भविष्य की कीमत पर शराब की बिक्री से राजस्व की प्राप्ति को सरकार शायद अधिक महत्त्व दे रही है.ऐसे में युवा अपना भविष्य अब सड़क किनारे की झाड़ी में या फिर गटर में तलाशते नजर आ रहे हैं.
जिले में दूध से ज्यादा बिकती है शराब: कृपा सुशासन की जिले में दूध से ज्यादा बिकती है शराब: कृपा सुशासन की Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 02, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. Sharab sab jagah bikti hain aur log peete bhi hain...Gurgaon(Haryana) iska sabse acha udahran hai..yahan 24 X 7 sharab ki dukanein khuli rehti hain...lekin sath mein yahan logon ko kam ki koi kami nahi hai..Bihar mein kam nahi hai lekin daru hai..isse sarkar ko paise toh milenge lekin pehle se berojgar log nikamme bhi ho jayenge..

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