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सरफराज:रहस्य बना मौत
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आरिफ आलम/07 अगस्त 2012
चौसा बस्ती के मो० सरफराज की लाश आज जैसे ही गाँव के
बाहरी सीमा से सटे एक गड्ढे से मिली, पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गयी.लाश पानी में
फूल कर सड़ने लगी थी और एक कान को चीटियों ने कुतर डाला था.देखने से लगता था कि
आँखों से काफी खून निकला हो.और यहीं से गाँव के लोगों में इस बात की बहस छिड़ गयी
कि अब्दुल रज्जाक के पुत्र सरफराज की मौत बीमारी से हुई है या फिर इसकी हत्या कर
इसे पानी से भरे गड्ढे में फेंक दिया गया है.
पुत्र की
लाश देखकर माँ का विलाप रूकने का नाम नही ले रहा है.माँ बतात्ती है कि कल सरफराज
ट्यूबवेल गाड़ने के काम से एक रिश्तेदार के यहाँ चौसा के ही पैना गाँव गया था.शाम
तक नहीं लौटा तो उसे लगा कि शायद वह रिश्तेदार के घर ही ठहर गया है.पर सुबह ईंट
भट्ठा के पास के गड्ढे से मिली लाश से उसे पता चला कि उसके बेटे की मौत हो चुकी
है.अस्पष्ट शब्दों में माँ पैना के रिश्तेदार पर ही दोष मढ रही है.
पर गांव
के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार सरफराज कई वर्षों से मिर्गी के रोग से ग्रसित
था.इसकी बीमारी की वजह से ही पत्नी भी पांच साल पूर्व ही सरफराज को उसके हाल पर
जीने के लिए छोड़ कर चली गयी थी.अधिकाँश लोगों का मानना है कि सरफराज शायद कल पैना
जाने के क्रम में ही चक्कर आने से गड्ढे में गिर गया होगा जिससे उसकी मौत हो गयी.
पुलिस शव
की जांच करा रही है ताकि ये स्पष्ट हो सके कि सरफराज की मौत बीमारी से हुई है या फिर
किसी ने कर दी इस बदनसीब की हत्या?
लाश मिलने से सनसनी: बीमारी से मौत या हत्या?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 07, 2012
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