संवाददाता/02 अगस्त 2012
भाई-बहन के प्यार का सबसे बड़ा त्यौहार रक्षा बंधन पूरे जोशोखरोश से जिले में मनाया जा रहा है.सावन की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस त्यौहार से जुडी कई कहानियां हैं जिसने इस पर्व को इतना महत्वपूर्ण बनाया है.इतिहास के पन्नों को यदि पलता जाय तो मुग़ल काल में रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को उस समय राखी भेजी थी जब राजपूत और मुस्लिम के संघर्ष के दौरान विधवा रानी कर्णावती को अपनी प्रजा को बचाने का कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आया था.तब हुमायूं ने कर्णावती को अपनी बहन मान उसकी रक्षा की थी.एक अन्य उदाहरण एलेक्जेंडर और भारतीय राजा पुरु के समय की है.राजा पुरु के साहस से घबराकर जब एलेक्जेंडर घबरा गया तो उसकी पत्नी ने पुरु को राखी भेजकर संघर्ष समाप्त कराया.
इस तरह की और भी कई कहानियां हैं जो प्राचीन काल से ही रक्षा बंधन के त्यौहार के महत्त्व को दर्शाता है.मधेपुरा जिले में भी आज सुबह से ही बहनों ने भाइयों की आरती उतार माथे पर टीका लगाकर राखियां बांधी.वैसे आज के दिन बहनों के अलावे पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बाँध कर उनकी उन्नति की कामना करते हैं.
रक्षा बंधन का मन्त्र है: येन बद्धो बलिः राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥
मनाया जा रहा है भाई-बहन के प्यार का त्यौहार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 02, 2012
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