रूद्र ना० यादव/29 जुलाई 2012
देवाधिदेव महादेव का सिंघेश्वर मंदिर जहां मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त लड्डू नहीं दही-चूड़ा चढ़ाते हैं.ये परंपरा सिंघेश्वर मंदिर में सदियों से चली आ रही है.ये संभवत: देश का पहला मंदिर है जहाँ मनोकामना पूर्ण होने पर दही-चूड़ा चढाया जाता है.स्थानीय लोग इसके पीछे एक बड़ा कारण मानते हैं.उनका कहना है कि चढावे का लड्डू प्रसाद तो हो सकता है, पर भूखों का भोजन नहीं.जबकि दही-चूड़ा का चढावा मंदिर परिसर में साधू-संतों का भोजन
बनता है जिससे भूखों का पेट भरता है.कहते हैं सावन में श्रद्धालु यदि ऐसी इस तरह की मनोकामना रखकर यहाँ बाबा के दरबार में कुछ मांगते हैं तो उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है.
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सिंघेश्वर मंदिर बिहार का सबसे महत्वपूर्ण शिवमंदिर है.भक्तों की असीम श्रद्धा है इस मंदिर पर.और लाखों भक्तों ने अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण होते देखा है यहाँ. यही वजह है कि सावन में सिंघेश्वर मंदिर में साधु-संतों का भी जमावड़ा रहता है.12 साल के बाद पुत्र-रत्न प्राप्त होने के बाद नेपाल से आये श्रद्धालु बलराम थापा कहते हैं कि पता नहीं भगवान किस रूप में कहाँ मिल जाएँ,और इस अवसर पर यहाँ आये साधुओं को देखकर मन श्रद्धा से भर जाता है.इन्हें प्रसाद के रूप में चूड़ा-दही खिलाकर बड़ा ही सुकून मिलता है.
सिंघेश्वर मंदिर: यहाँ दही-चूड़ा चढ़ाने से होती है मनोकामना पूरी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 29, 2012
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