विवादों में घिर रहे सिंघेश्वर स्थान में ट्रस्ट में हावी हुए लोगों की और भी हकीकत जानिये.मंदिर के विकास और उद्धार के लिए खुद इनकी कार्यशैली तो हमेशा ही संदेह के घेरे में रही ही है,पर यदि कोई अन्य धर्म में रुचि रखने वाली संस्था यहाँ के विकास में योगदान करना चाहते हैं तो इनके तेवर देखते ही मानते हैं.दूसरे की एंट्री पर ये ठीक उसी तरह की प्रतिक्रिया करते हैं जैसे किसी की बपौती संपत्ति में कोई पड़ोसी सेंध मारने आ गया हो, भले ही कोई कुछ देने ही क्यों न आया हो.
गर्भगृह में लगा एसी आज भले लाखों श्रद्धालुओं को राहत दे रहा हो,पर यह एसी मंदिर के ट्रस्ट के द्वारा नहीं लगाया गया है.सिंघेश्वर मंदिर के विकास में रुचि रखने वाली एक अन्य संस्था संत शिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं श्रद्धालु संघ के दांत खट्टे कर दिए मंदिर ट्रस्ट वालों ने इस एसी लगाने में. इस संघ के अध्यक्ष नलिन निश्चल बताते हैं कि जब मंदिर के व्यवस्थापक को आवेदन देकर उलटे चिरौरी करने पर भी एसी लगाने का आदेश प्राप्त नहीं हो सका तो सूबे के विधि तथा योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव से इसकी अनुशंसा करवा के मधेपुरा के एसडीओ को आवेदन देना पड़ा.तब जाकर हमें मंदिर के गर्भगृह में एसी लगाने की अनुमति प्राप्त हुई. ये बताते हैं कि इनकी संस्था ने पिछले साल मंदिर में छ: पंखा भी लगाया था पर इस साल ये गायब हैं.
जो भी हो, मशक्कत के बाद ही लगा सही, एयरकंडीशनर भक्तों को गरमी में राहत तो दे रहा है.
बाबा सिंघेश्वर के मंदिर में लगे एयरकंडीशनर का सच
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 16, 2012
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