संजय कुमार/23 जुलाई 2012
मालूम हो कि मुरलीगंज में बिजली की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है.आजादी के बाद ही मुरलीगंज में बिजली आई थी,पर तब से मौजूद सारे तार जर्जर होकर लटक रहे हैं.मुरलीगंज और मधेपुरा के बीच संचरण लाइन 33000 KVA के कारण आये दिन फॉल्ट और ब्रेकडाउन की समस्या आ रही है.शहर में करीब आधा दर्जन ट्रांसफार्मर जले अवस्था में महीनों से पड़े हुए हैं.मुरलीगंज नगर पंचायत की सड़कें दो बार ऊँची की जा चुकी हैं जिसके कारण तार सड़क के किनारे के तार काफी नजदीक आ गए हैं और बस और ट्रक की चपेट में आकर ये तार टूटते रहते हैं.ये अलग बात है कि बिजली कम रहने के कारण तार टूटने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं टल जाती है.पर जर्जर तारें कभी-कभी स्वत: ही टूट जाती है जिससे कई बार जान-माल की भी क्षति हो जाती है. मधेपुरा सब-स्टेशन द्वारा बिजली के बंटवारे में काफी अनियमितता बरती जाती है. दूसरी ओर बिजली विभाग के कर्मचारियों की करतूत भी यहाँ अशोभनीय है.इन्होने शहर के कई लोगों को अवैध कनेक्शंस दे रखे हैं जिसकी वजह से अनावश्यक लोड पड़ने से ट्रांसफार्मर जल रहे हैं.शहर के करीब सभी ट्रांसफार्मर पर 50 वैध तथा 150 अवैध कनेक्शन लगे हैं जिनके पैसे की उगाही सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी मिल कर करते हैं.वर्तमान हालात यह है कि यहाँ दो-चार घंटे से ज्यादा बिजली नहीं रह पाती है.ऐसे में यहाँ के लोगों का गुस्सा फूट पड़ना स्वाभाविक ही है.
मुरलीगंज में बिजली की इस हालत के लिए जिम्मेवार कौन?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 24, 2012
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