रूद्र ना० यादव/05 जुलाई 2012
सिंघेश्वर प्रखंड के मजरहट गाँव का इस्लामपुर प्राथमिक विद्यालय.अपने आपमें बिलकुल ही अजीब. इस विद्यालय के भवन को न तो छत है और न शिक्षक, पर छात्रों की संख्यां यहाँ करीब पांच सौ है.शिक्षा विभाग की कार्यशैली तो देखिये.इस स्कूल के शिक्षक का तबादला तो उसने छ: माह पहले कर दिया,पर बदले में किसी शिक्षक का यहाँ पदस्थापन ही नहीं किया. यानी पांच सौ छात्र पर प्रशासन ने कोई शिक्षक दिया ही नहीं.यानी बच्चे, ग्रामीण और गाँव के साथ मजाक.
शिक्षक के इन्तजार में इस गाँव तथा आसपास के पांच सौ बच्चों की जिंदगी हो रही है बर्बाद.कई बच्चे तो रोज स्कूल जाते हैं इस उम्मीद में कि शायद आज कोई शिक्षक इस स्कूल में आ जाये और वे भी जिले के अन्य स्कूलों की बच्चों की तरह पढ़-लिख सकें और अपना जीवन संवार सकें.ग्रामीणों द्वारा कई बार जिलाधिकारी तथा शिक्षा विभाग को इसकी लिखित सूचना दी जा चुकी है,पर नतीजा कुछ नहीं निकला.मीडियाकर्मियों के द्वारा जानकारी देने पर शिक्षा विभाग की खुली नींद.जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि जल्द ही इस स्कूल में शिक्षक भेजे जायेंगे.
सर्व शिक्षा अभियान का नारा कि ‘सब पढ़ें, सब बढ़ें’ जिले में कितना सार्थक है ये इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मजरहट का ये स्कूल छ: माह से शिक्षकविहीन पड़ा हुआ है और अधिकारी चैन की नींद सोये हुए हैं.
शर्मनाक! छ:माह से शिक्षकविहीन है ये स्कूल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 06, 2012
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July 06, 2012
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