सरकारी योजनाएं///पी० बिहारी ‘बेधडक’


जिंदगी गरीब की बस, अफसाना बनकर रह गयी.
योजनाएं सरकारी लुभाती ,हसीना बनकर रह गयी.
देवी वह ख्वाब की, दफ्तर में इठलाती है.
व्याकुलता देख जनता की,महज मुस्कुराती है.

  अराध्य देवी वह महज गरीबों की है.
  बगैर उसके चारों ओर तबाही है.
  बनकर रह गयी वह अफसर की लुगाई है.
  और, ठेकेदारों की सभी भौजाई है.

नेताओं की रखैल बनकर,वह सबको रिझाती है.
सियासत की गुर भी सबको बताती है.
खुद की बखान हमसे करवाती है,
मगर अपने अवगुणों को हमसे छुपाती है.

--पी० बिहारी बेधडक
 कटाक्ष कुटीर,महाराजगंज
 मधेपुरा.
सरकारी योजनाएं///पी० बिहारी ‘बेधडक’ सरकारी योजनाएं///पी० बिहारी ‘बेधडक’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 10, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. बेधरक जी हम तो आपके कायल हो गए हैं...

    ReplyDelete

Powered by Blogger.