बिहार में शायद ही ऐसा कोई सरकारी आवासीय भवन बना होगा जैसा अभी बन रहा है.इस अजूबा भवन में रहेंगे सिविल सर्जन.अजूबा इस तरह कि 40 लाख के लागत से बन रहे इस भवन में रहने को तो कई कमरे हैं,पर पूरे भवन में न तो एक भी शौचालय है और न ही कोई बाथरूम.सरकारी योजना की बदमिजाजी तो देखिये कि जहाँ ऐसे भवन को पूरे बिहार में बनाया जा रहा है वहीं बनाने वाले आर्किटेक्ट साहब ने ये नहीं सोचा कि मनुष्य की मूलभूत दिनचर्या का निष्पादन यहाँ कैसे हो सकेगा.क्या सिविल सर्जन इस आवास में रहकर दूसरे के आवास में शौच या स्नान के लिए जायेंगे?
मधेपुरा में बन कर लगभग तैयार इस भवन में यहाँ के सिविल सर्जन जाने से बच रहे हैं जो स्वाभाविक है.सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद कहते हैं कि अभी जैसे वे भाड़े के मकान में रह रहे हैं वैसे भी आगे भी रहना चाहेंगे चाहे इस आवास में उन्हें जाने के आदेश ही क्यूं न मिल जाएँ.बात भी सही है, जब बिहार के भवन निर्माण विभाग के अक्ल पर इस कदर पत्थर पड़ जाएँ तो ऐसे में अधिकारी क्या करें क्या न करें?
सरकारी भवन में बिना शौच और स्नान के रहेंगे ये अधिकारी?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 23, 2012
Rating:

No comments: