बी.एन. मंडल स्टेडियम का नजारा इन दिनों देखने लायक है.शाम से पहले ही बच्चों और किशोरों की भीड़ स्टेडियम में जमा होने लगती है.और फिर यहाँ शुरू होता है कराटे के प्रशिक्षण का एक दौर.कराटे के एक्शन में हाथ-पैर भांजते सैंकड़ों सरकारी तथा गैरसरकारी स्कूल के बच्चों के मुंह से निकलती आवाज से पूरा स्टेडियम गूँज उठता है.बच्चों में कराटे सीखने के इस उत्साह से नए एसपी सौरभ कुमार शाह भी काफी खुश हैं.कराटे की एक खास विधा ‘जीत-कुनैडो’ में तीन बार ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुके नेशनल कोच सुशील कुमार यादव ने दिल्ली एशोशिएशन ऑफ जीत कुनैडो से प्रशिक्षण लिया है और इनका सपना है कि जिले के सभी बड़े और छोटे बच्चे कराटे के चैम्पियन बन जाएँ ताकि आत्मरक्षार्थ उन्हें कोई परेशानी न हो सके.सुशील बताते हैं कि वे पिछले बारह वर्षों से इसका प्रशिक्षण देते आ रहे हैं और उन्हें प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाता है.इस समय उनसे 360 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं.
एक बात तो तय है कि मधेपुरा में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें बिना सरकारी सहयोग के कई ऐसे लोग खुद के खर्चे से उन्नत कर रहे हैं जिन्हें जिले के विकास की चिंता है.और निश्चित रूप से सुशील कुमार यादव का यह कदम सराहनीय है.
मानो पूरा शहर ही कराटे सीखने उमड़ पड़ा हो..
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 13, 2012
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