गांधी के इस देश में, है भ्रष्टों की फ़ौज,
लाखों में ये खेलते,कर लाखों की खोज. ||1||
गांधी जी के नाम पर अन्ना हुए हजार,
पीछे उमड़ी भीड़ को नेता रहे निहार. ||2||
भ्रष्टों की सरकार में सब जेलों को जाय,
जब ये लड़ते जेल में,कोड़ा हाथ तोड़ाय. ||3||
अन्ना चुप हो देखते,चकित टीम का हाल,
किरण बेदी मंद पड़ी,भूषण हैं बदहाल. ||4||
बयानबाजी में कटे इनका समय अमोल,
देते सबके राज को दिग्विजयसिंह खोल. ||5||
राजनीति के पेंच में,अन्ना हैं मजबूर,
लोकपाल के मार्ग में बाधा है भरपूर. ||6||
श्री रविशंकर देर से,आये हैं मैदान,
जागे जबही नींद से,समझो तभी बिहान. ||7||
बड़े-बड़े नेता सभी,करे घिनौना काम,
नैया जब डूबन लगे,ले तब प्रभु का नाम. ||8||
भ्रष्ट आचरण मर्ज है,दवा न इसकी कोय,
नैतिकता को छाड़ी के, बढ़ कर दवा न कोय. ||9||
नहीं चला कुछ लोस में,अन्ना टीम हताश,
छ: राज्यों की जीत में अटकी सबकी आश. ||10||
अन्ना का अनशन चढ़ा गलत नीति की भेंट,
जेल भरो अभियान में आयी नूतन खोंट. ||11||
--सुबोध कुमार सुधाकर
संपादक प्रमुख, ‘क्षणदा’
प्रभा प्रकाशन,त्रिवेणीगंज,सुपौल.
गांधी के देश में भ्रष्टों की फ़ौज///सुबोध कुमार सुधाकर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 27, 2012
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