भले ही जिला मुख्यालय में ही अवस्थित हो ये वार्ड, पर इसकी हालत काफी नाजुक है.आज जिले के कुछ गाँव ही इस तरह अविकसित हो सकते हैं.सड़कों के नाम पर मजाक है इस गाँव की सडकें.नाला का कहीं पता नहीं,बिजली के पोल भी कई जगह नहीं हैं.यह तो तय है कि नगर परिषद् के इस क्षेत्र के विकास के लिए राशि आई ही है,पर क्यों नहीं हो सका यहाँ कोई विकास? जबकि निवर्तमान वार्ड पार्षद यहाँ अपने पद पर दस वर्षों से काबिज हैं.
मधेपुरा टाइम्स टीम ने पूरे क्षेत्र का दौरा किया और आम लोगों के साथ निवर्तमान वार्ड पार्षद शैलेन्द्र यादव से भी बात की और साथ ही बात किया मुख्य प्रतिद्वंद्वी मुकेश कुमार उर्फ मुन्ना से.
कुछ लोगों को छोड़कर वार्ड के अधिकाँश लोगों ने कहा कि निवर्तमान वार्ड पार्षद ने अपने कार्यकाल में विकास का कोई काम शायद ही किया.पर शैलेन्द्र यादव कहते हैं कि उन्होंने यहाँ के जनता के विकास के लिए बहुत कुछ किया.बाढ़ के दौरान भी उन्होंने जनता के सुख दुःख में साथ निभाया.पर इस पिछली बार १७ वोट से पिछड़ चुके इस बार मुख्य दावेदार मुकेश कुमार मुन्ना कहते हैं कि इन्होने वार्ड का कोई विकास नहीं किया.वे अपनी झोली भरने में लगे रहे और अविश्वास प्रताव लगने पर हनीमून मनाने दार्जीलिंग चले जाते थे.सड़क, नाला या विकास के अन्य कार्यों को उन्होंने नजरअंदाज किया.बाढ़ राहत में वे कमीशन लेकर लोगों को राहत राशि दिया करते थे.जबकि मैं यहाँ के वार्ड की सेवा में लगातार लगा रहा हूँ.
लोगों से बात करने पर फिलहाल ऐसा लग रहा है कि इस बार वार्ड में निवर्तमान वार्ड पार्षद की स्थिति इस बार बहुत अच्छी नहीं है.अब देखना है कि वार्ड की जनता क्या फैसला लेती है?
(जनता के साथ दोनों प्रत्याशियों को सुनें वीडियो में, वीडियो जल्द ही)
वार्ड नं०.15: देहात से भी बदतर है जयपालपट्टी का ये वार्ड
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 12, 2012
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