रूद्र ना० यादव /३० मार्च २०१२
बिहार के हो रहे विकास से भले ही आप सहमत हों, पर
मधेपुरा जिले के कई गाँव अब भी घोर अंधविश्वास की चपेट में हैं.कुछ लोग यह कहकर
भले ही अपने को झूठी दिलासा दे लें कि अंधविश्वास कमोबेश कुछ पिछड़ी हुई जातियों
में बचा है.पर मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के नोहर गाँव में परसों जो कुछ
हुआ वो हमें १५ वीं शताब्दी के गाँव की याद दिला देता है.कोसी के इलाके में उस दिन
सुबह पांच बजे भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया था और गाँव की ८० साल की अन्नपूर्णा
देवी को शायद ये पता नहीं था कि कुछ ही घटने बाद जो भूकंप वहां के तथाकथित धर्म के
ठेकेदार ला रहे हैं वो उसे जिंदगी भर का दर्द देने वाला है.
पड़ोस
में एक बीमार बच्चे की मौत क्या हुई उस परिवार का सारा गुस्सा अन्नपूर्णा पर ही टूट पड़ा.उनलोगों ने बच्चे की मौत का कारण अन्नपूर्णा को माना.कहा कि ये डायन है.फिर
इस भद्र वृद्धा के साथ जो सलूक नन्द मोहन झा,डोमी झा और मदन मोहन झा ने किया वो
रोंगटे खड़ा कर देता है.पहले तो उसने इस वृद्धा को बेरहमी से मारा फिर इसका हाथ तोड़
दिया.बचाने आई पुतोहू को भी उनलोगों ने घसीट कर नाले में गिरा दिया.फिर अंधविश्वास
में बेकाबू हो चुके उन अपराधियों ने इनके घर से बैग से भरा सामान भी उठा लिया और
चलते बने.
पुलिस की
भूमिका भी इस पूरे मामले में कम शर्मनाक नही रही.लगा कि धर्म के उन अपराधी
ठेकेदारों ने पुलिस को भी अपनी ओर मिला लिया हो.ग्वालपाड़ा पुलिस ने दो-दो बार
पीड़ित के परिजनों द्वारा एफआईआर के लिए लिखे आवेदन को फड़वा दिया.परिजन का आरोप है
कि थानाध्यक्ष ग्वालपाड़ा ने अपने हिसाब से आवेदन लिखवाया ताकि केश कमजोर हो
सके.पुलिस की बेशर्मी और कर्तव्यहीनता तो तब और उजागर हो गयी जब सूचना रहने पर भी
कि अपराधी घर में ही हैं,ग्वालपाड़ा पुलिस ने कहा कि तीन अपराधियों में से एक बाप
और एक बेटा फरार हैं और तीसरा अभी ब्रह्मा की पूजा कर रहा है इसलिए उसे गिरफ्तार
नहीं कर सकते.यानी पुलिस उन अपराधियों से भी अधिक अंधविश्वासी निकली.
परिजन
वृद्धा के साथ हुए हादसे के दोषी को जहाँ गिरफ्तार करवाने घूम रहे हैं, वहीं
पीएचसी ग्वालपाड़ा से इन्हें इंज्यूरी रिपोर्ट भी नहीं दी गयी.सदर अस्पताल मधेपुरा
में हड्डी के इलाज की सुविधा नही देखकर अब परिजन अन्नपूर्णा को बाहर ले जाने की
प्रक्रिया में हैं.अन्नपूर्णा देवी के पोते रोहित ने बताया कि वे आज जिले के नए
एसपी से मिलकर सारी बात बताना चाहते हैं ताकि उनके परिवार के साथ सुशासन में ऐसी
शर्मनाक हरकत करने वालों को सजा मिल सके.
सुशासन की खुली पोल,डायन बता कर वृद्धा का तोड़ा हाथ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 30, 2012
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