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| मरीज बेहाल |
संवाददाता/०६ फरवरी २०१२
जिले में स्वास्थ्य सेवा वर्तमान में बदहाली के दौर से गुजर रहा है.सरकार कह रही है कि सरकारी अस्पतालों में दवा की कोई कमी नही है,पर मधेपुरा के सिविल सर्जन ने इस बात का खुलासा किया है कि सदर अस्पताल मधेपुरा में कालाजार कि कोई दवा नहीं है.उनके इस खुलासे के बाद जिले के कालाजार रोगियों की जान बचानी मुश्किल हो गयी है.दवा के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर होंगे कालाजार के मरीज.सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इसकी जानकारी दे दी गयी है.मालूम हो कि कुसहा त्रासदी के बाद से जिले में डीडीटी का भी छिड़काव नहीं हुआ है.त्रासदी के बाद मच्छर का प्रकोप भी बढ़ा.सदर अस्पताल का ये हाल है कि तीन सौ बोरा डीडीटी यहाँ सड़ कर बर्बाद हो गया जिसका अधिकारी की लापरवाही से छिड़काव नहीं किया गया और इस तरह सरकारी कोष को लगा लाखों का चूना.
गरमी के दस्तक देते ही खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कालाजार के रोगियों की संख्यां में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है.जिले के किसी भी अस्पताल में कालाजार के रोगियों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है.जिले में स्वास्थ्य संबंधी सरकारी दावों की पोल खुल कर रह गयी है.
कालाजार की दवा नहीं है सरकारी अस्पताल में,मरीज बेहाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 06, 2012
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