वि० सं०/२३ फरवरी २०१२
मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए प्रशासन के द्वारा उठाये गए सख्त कदम में कुछ निर्दोष भी पिस गए.आज की परीक्षा के दौरान जिला प्रशासन ने ६३ छात्रों को परीक्षार्थियों की मदद करने के नाम पर धर दबोचा.इन्हें भेड़-बकरी की तरह मधेपुरा थाना के हाजत में ठूंस दिया.कुछ छात्रों को थाना के कम्प्यूटर कक्ष में भी रखा गया.फिर एसडीओ कार्यालय के लोग थाना में रसीद लेकर बैठ गए और दो हजार प्रति व्यक्ति वसूल करने लगे.यहाँ सबसे बुरी स्थिति उन गिरफ्तार छात्रों की हो रही थी जिनके पास न तो खुद पैसे थे और न ही उनके अभिभावक ही पहुँच रहे थे.यहाँ एक निंदनीय बात ये देखने को मिली कि गिरफ्तार छात्रों से मिलने जा रहे अभिभावकों और प्रियजनों को पुलिस धकिया कर हटा दे रही थी.
गिरफ्तार छात्रों में से कई ने आरोप लगाया कि वे किसी अन्य काम से सड़क पर निकले थे,अचानक पुलिस की गाड़ी वहाँ पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.उधर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के छात्रनेताओं ने ने भी निर्दोष स्थानीय नागरिकों, छात्र तथा अभिभावकों पर पुलिसिया कार्यवाही की निंदा की है.इस बाबत एनएसयूआई के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ‘मिस्टर’ ने कहा कि प्रशासन को संयम से कार्य करते हुए जांचोपरांत उचित कार्यवाही करनी चाहिए.संगठन ने अपने प्रियजनों से मिलने गए लोगों पर थाना परिसर में लाठी चार्ज कि घटना की तीव्र निंदा की है.संगठन ने छात्रों से भी संयम बरतते हुए कदाचार मुक्त परीक्षा देने की अपील की है.
गिरफ्तार छात्रों के आरोप को भी सुनें,यहाँ क्लिक करें)
निर्दोषों को भी जबरन ठूंसा, लाठीचार्ज का भी आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 23, 2012
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