युवा और चहेते रंगकर्मी कृतराज के मामले में पुलिस अनुसंधान पर शक बढ़ता ही जा रहा है.पुलिस द्वारा किये जा रहे अनुसंधान नाकाफी हैं.मधेपुरा की सड़कों पर पुलिस प्रशासन के विरूद्ध आक्रोश अभी शाम में कुछ देर पहले खुलकर सामने दिखा.सैकड़ों की संख्यां में युवकों ने कृत मामले में जमकर प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी की.यहाँ तक कि पैदल और मोटरसायकिल पर सवार युवकों ने पुलिस प्रशासन की अर्थी तक निकाल दी.अर्थी के साथ लोग नारे लगा रहे थे, “राम नाम सत्य है,पुलिस
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कहाँ है कृत ? |
प्रशासन का यही गत्त है”.युवकों ने बताया कि पुलिस अनुसंधान दवाब में आकर किया जा रहा है जिसमें नतीजा कृत के परिवार वालों को शायद ही न्याय दिला सके.उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी को हाई-प्रोफाइल लोगों का शह मिला हुआ है और मधेपुरा पुलिस के बिक जाने का भी संदेह गहरा रहा है.
जाहिर सी बात है,यदि पुलिस का अनुसंधान इसी तरह ढीला रहा और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा पुलिस पर इसी तरह जारी रहा तो मधेपुरा की सड़कों अभी प्रदर्शनों का सिलसिला थमने की सम्भावना नहीं देख पड़ती.
पुलिस प्रशासन की निकाली अर्थी,बिकने का आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 19, 2011
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