मवेशियों से सड़क पर चलना हुआ दूभर:पागुर कर रहा प्रशासन

राकेश सिंह/०४ अक्टूबर २०११
विगत कई वर्षों से मधेपुरा की बदहाली में एक और नया अध्याय जुड़ा हुआ है.जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग पर दिन में कुछ कम,पर शाम में मवेशियों का जमघट सा लग जाता है.चाहे मधेपुरा होटल के सामने की जगह हो,या पुरानी कचहरी के पास क्लब रोड मोड़ या हो सुभाष चौक का इलाका, मधेपुरा के विभिन्न भागों में सड़क पर मवेशियों का राज कायम है.राहगीर सड़क पर चलते इन पशुओं से भय खाते रहते हैं,जबकि ये शहरी किस्म के गायों और बैलों के झुण्ड इतने ढीठ कि आप यदि गाड़ी से हैं,तो हॉर्न देते रहेंगे,ये जल्दी हटने का नाम नहीं लेंगे.यानी यहाँ कहावत कुछ इस प्रकार बनती है-बैल के आगे हॉर्न बजाओ ,बैल खड़ी पगुराय.यहाँ सिर्फ जानवर ही पागुर नहीं कर रहे हैं.प्रशासन भी पागुर ही करती नजर आती है.तस्वीर में दिखाए गए दृश्य अनुमंडल कार्यालय के ठीक सामने की जगह है,जहाँ से प्रशासन की गाडियां भी अक्सर गुजरती रहती है,पर ये भी समझौतावादी सिद्धांत को ही मानने वाले लगते हैं.पशुओं को सड़क पर राज करने दो,और बगल से निकल जाओ.आसपास के लोग बताते है कि इन पशुओं ने अभी तक कई लोगों को पटका है,जिनमे कुछ महिलायें भी शामिल हैं.पशुओं के मालिकों ने भी इन्हें खुला दादागिरी करने सड़कों पर छोड़ रखा है.बताते है कि प्रशासन ने एकाध बार लाउडस्पीकर से इनके मालिकों को चेतावनी देकर खानापूर्ति भी कर दी है.
    दशहरा के समय में जहाँ लोगों की भारी भीड़ को सड़कों पर धक्कामुक्की करते चलना पड़ता है,वैसे में इनसे बचते-बचाते चलना लोगों के लिए और भी दूभर है.पर प्रशासन के द्वारा इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देने से लोगों को फ़िलहाल राहत मिलने कि सम्भावना नहीं दीखती है.
मवेशियों से सड़क पर चलना हुआ दूभर:पागुर कर रहा प्रशासन मवेशियों से सड़क पर चलना हुआ दूभर:पागुर कर रहा प्रशासन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 04, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. ये बेचारी गायें तो लाचार प्रशासन की मदद ही कर रही हैं. जिला मुख्यालय होने के बाबजूद भी शहर में एक भी यातायात पुलिस नहीं हैं.. इस कारण ये गायें एक यातायात पुलिस का फर्ज बहुत ईमानदारी से निभाती हैं.

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