राकेश सिंह/३१ अक्टूबर २०११
चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर यानी सीडीपीओ.हिन्दी में इसे कहते हैं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी.सरकार की एक अनोखी योजना है आईसीडीएस (इंटेग्रेटिड चाइल्ड डेवेलपमेंट सर्विसेज).इसे हिन्दी में कहते हैं समेकित बाल विकास सेवाएं.भारत सरकार ने १९७५ में इसे एक परियोजना के रूप में शुरू किया था जिसका उद्देश्य था ६ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य देना,समुचित मनोवैज्ञानिक,शारीरिक और विकास की नींव डालना,मृत्यु,बीमारी,कुपोषण और स्कूल छोड़ने की प्रवृति में कमी लाना आदि आदि.समेकित बाल विकास सेवाएं एक विशाल नेटवर्क के द्वारा अपनी सेवाएं उपलब्ध कराता है,जिसे आंगनबाड़ी केन्द्र कहते हैं.
मधेपुरा जिले की यदि बात करें तो जिले में वर्तमान में १५०१ आंगनबाड़ी केन्द्र हैं.इस सेवा के जिले में सबसे बड़े पदाधिकारी डीएम होते हैं,उसके बाद के पदाधिकारी हैं डीपीओ (जिला प्रोग्राम पदाधिकारी).ये दोनों पदाधिकारी जिला स्तर के हैं.प्रखंड स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों के सबसे महत्वपूर्ण पदाधिकारी है सीडीपीओ.अभी हाल में इनके अंदर यहाँ लेडी सुपरवाइजर को भी बहाल कर दिया गया है.प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र की एक सेविका होती है और एक सहायिका.सेविका को सरकार की तरफ से मिलते हैं १५००/-रू० प्रतिमाह.प्रत्येक महीने की पन्द्रह तारीख को टीएचआर यानी टेक होम राशन यानी राशन वितरण के लिए सेविका को अलग से मिलते हैं १०,९७५/रू०.

आइये अब करें सीधी बात.विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों में चल रहा है लूट का नंगा खेल.टीएचआर की १०,९७५/-रू० पास करने के एवज में सीडीपीओ लेती है एक सेविका से कम से कम १२००-१५०० रू० प्रतिमाह. अब सीडीपीओ की आमदनी को सीधा समझिए. उदाहरण के लिए कुमारखंड प्रखंड में १८० आंगनबाड़ी केन्द्र है तो मुरलीगंज में १६५.एक केन्द्र से १२०० रू० की दर से १८० केन्द्रों से वसूली गयी ये राशि कुल २,१६,०००(दो लाख सोलह हजार) रू० और १६५ केन्द्रों से १,९८,००० रू० हो जाती है.पूरे जिले की बात करें तो सभी प्रखंडों को मिलाकर ये लूट की राशि प्रतिमाह ३०-५० लाख हो सकती है.यानी सीडीपीओ हो गयी मालामाल और ये बाल विकास तो ऐसे में भांड में जाना तय है ही.जिस पैसे से जिले के गरीब और कुपोषित बच्चों का विकास होना चाहिए था उसे ये अधिकारी अपने विकास में लगा रहे हैं.इस वसूल की गयी राशि में कुछ हिस्से ऊपर तक जाने की बात सीडीपीओ अपने धौंस में सेविकाओं को भी कहती हैं और सूत्रों का भी यही मानना है.नाम न छापने की शर्त पर कई सेविकाओं ने सीडीपीओ के बारे में बुरा-भला कहते हुए कहा कि इन्हें सरकार इतना वेतन देती है फिर भी इनका मुंह बड़ा ही होता जा रहा है.हम लोग गरीब हैं,हमारा पेट कटवा कर ये अपने घर को भरने में लगी रहती हैं.अब जब सेविका को प्रतिमाह मिलने वाली राशि बढ़ने वाली है तो ये पहले से घूस की फिक्स राशि भी बढ़ाने की बात पर अडी हुई है.अब जिले की सेविकाएं इस मुद्दे पर आंदोलन का मन बना रही है.पर वे इस बात से डर भी रही हैं कि यदि सही में हिस्सा ऊपर जाता होगा तो सीडीपीओ की ये धमकी सच न हो जाये कि ज्यादा होशियार बनोगी तो चयनमुक्त करवा देंगे,भूखों मरोगी.और सच में ये जिले में छिटपुट सेविकाओं को चयनमुक्त करवा भी चुकी हैं.(क्रमश:)
सीडीपीओ यानी लाखों रूपये महीने घूस?(भाग-१)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 31, 2011
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such a shame ..and we are talking about corruption of govt.. :((
ReplyDeleteBaat puri sahi hai,isme loot aur adhik hai,upar tak paisa jata hai.upar ki shah ke bina CDPO itni badi vasuli nahi kar sakti.
ReplyDeletebahut hi sarm ki baat hai ye...aur sach v hai.... Inhi vajahon se harek aanganbari kender par bachhon ki upasthti v galat dikhai jati hai.... Aur koi v aala adhikari is vajah se kuchh v check nahi karte... mai madhepura times ko dhanyvad dena chahunga is mudda ko uthane k lye.....
ReplyDeletesir dhanyvad is article k liye.....bahut hi achha mudda uthaya hai aap logon ne.....
ReplyDeleteLage raho Madhepura Times...... Go Great....
Thankyou sir ji...
waiting for भाग २
ReplyDeletesab upar se niche tak mal kamane mein vyast hain...kendra sarkar ho ya rajya sarkar...shayad logon ko hazaron "ANNA" ki zaroorat hai
ReplyDeletethis is a very good example 4 corruption at root level
ReplyDeleteye CDPO log har aanganbari sebika se RS1000 per month lete h as bribe...CDPO hs to give one part of it to HIGHER AUTHARITY...Bechari sebikaon ko kisi tarah sabkuch manage krna
ReplyDeleteAnganbadi kendr hi nahi,jile me dher sare loot ke intjaam bana rakhae hain adhikari.Bhtashtachar mitane ki baat chhor dena chahiye.
ReplyDeleteCDPO ke sampattiyon ka cbi janch hona chahiye,nhi to andolan hoga....
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