राकेश सिंह/१७ मई २०११
मधेपुरा में बीडीओ बनाम चिकित्सक प्रकरण थमने का नाम नही ले रहा है.पहले बीडीओ द्वारा चिकित्सा पदाधिकारी की पिटाई, फिर चिकित्सकों द्वारा आंदोलन की धमकी पर बीडीओ की गिरफ्तारी, फिर लोगों के प्रदर्शन पर बीडीओ की रिहाई तक में मामला बहुत हद तक सुलझता नजर आ रहा था.पर इस मामले ने तब एक और नया मोड़ ले लिया जब जिले के अधिकांश बीडीओ और सीओ ने मामले को गंभीर बताकर चिकित्सा पदाधिकारी की गिरफ्तारी की मांग शुरू
कर दी है.जिले में पदस्थापित पदाधिकारियों ने इस सम्बन्ध में जिला पदाधिकारी से मिलकर ज्ञापन देकर अपना विरोध जताया है.इनका ये भी कहना था कि पुरैनी बीडीओ चुनाव कार्य में लगाई एक महिला के बीमार बच्चे को दिखाने गए थे जहाँ डा० गुप्ता ने इन्हें भला बुरा कहा तत्पश्चात हाथापाई हुई.चिकित्सक द्वारा बीडीओ को जातिसूचक अपशब्द कहना उनकी प्रतिष्ठा का हनन करना है.अत: चिकित्सक की अविलम्ब गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाय जिससे जिले में अधिकारियों की मान-मर्यादा सुरक्षित रह सके. प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्ञापन देने वालों में पुरैनी बीडीओ प्रेमलाल
मांझी सहित शशि कुमार सिंह, अनिल कुमार पांडेय, चन्द्रमोहन, शारदा कुमारी, ललन ऋषि के अतिरिक्त अंचलाधिकारी भूपेन्द्र प्रसाद यादव, सुनील कुमार सिंह, सुरेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार झा, शिव कुमार पोद्दार, अमरेन्द्र कुमार, हृदय नारायण दास, सुशील कुमार यादव भी शामिल थे.
कर दी है.जिले में पदस्थापित पदाधिकारियों ने इस सम्बन्ध में जिला पदाधिकारी से मिलकर ज्ञापन देकर अपना विरोध जताया है.इनका ये भी कहना था कि पुरैनी बीडीओ चुनाव कार्य में लगाई एक महिला के बीमार बच्चे को दिखाने गए थे जहाँ डा० गुप्ता ने इन्हें भला बुरा कहा तत्पश्चात हाथापाई हुई.चिकित्सक द्वारा बीडीओ को जातिसूचक अपशब्द कहना उनकी प्रतिष्ठा का हनन करना है.अत: चिकित्सक की अविलम्ब गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाय जिससे जिले में अधिकारियों की मान-मर्यादा सुरक्षित रह सके. प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्ञापन देने वालों में पुरैनी बीडीओ प्रेमलाल
मांझी सहित शशि कुमार सिंह, अनिल कुमार पांडेय, चन्द्रमोहन, शारदा कुमारी, ललन ऋषि के अतिरिक्त अंचलाधिकारी भूपेन्द्र प्रसाद यादव, सुनील कुमार सिंह, सुरेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार झा, शिव कुमार पोद्दार, अमरेन्द्र कुमार, हृदय नारायण दास, सुशील कुमार यादव भी शामिल थे.
देखा जाय तो इस पूरे प्रकरण में दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी तक जारी है.यहाँ आवश्यकता है एक सकारात्मक पहल करने की जिससे मामला जल्द से जल्द सुलझ सके.
चिकित्सक पिटाई मामले में आया नया मोड़
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 17, 2011
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