रूद्र ना० यादव/१७ मई २०११
कहते हैं ये कलियुग है और इस युग की सबसे बड़ी त्रासदी है कि इसमें कुछ लोग खून के सम्बन्ध तक को पूरी तरह भूल जाते हैं.इसी तरह के एक मामले में नालायक बेटों ने यहाँ तक भुला दिया कि जिस इंसान को वो मारपीट कर जान से मारने जा रहें है वो उनके पिता हैं.जिले के लोग बिहारीगंज के कुस्थान के डिम्पल यादव, सोमनाथ यादव व विजय यादव पर थू-थू कर रहे हैं जिन्होंने पिता रामदेव यादव की पीट-पीट कर महज इसलिए हत्या कर दी कि
पिता व उनकी नसीहत अब भार लगने लगी थी.रामदेव यादव के पांच पुत्रों में तीन ने गाँव के पंचों को पटाकर जमीन का बंटवारा पिछले साल ही कर लिया था.पिता अपने दो छोटे पुत्र के साथ रह रहे थे. तीनों नालायक पुत्र पिता को तंग किया करते थे और पूर्व में मारपीट भी की थी.पिता रामदेव ने खतरा भांप कर थाने में पूर्व में आवेदन भी दिया था जिससे उन पुत्रों को और भी गुस्सा था.और फिर रविवार की रात रामदेव खाना खाकर मकई की फसल की रखवाली करने खेत गए थे,जहाँ बड़े बेटों ने अपने ससुराल वालों की मदद से लाठी और भाला से रामदेव की हत्या कर डाली.
पिता व उनकी नसीहत अब भार लगने लगी थी.रामदेव यादव के पांच पुत्रों में तीन ने गाँव के पंचों को पटाकर जमीन का बंटवारा पिछले साल ही कर लिया था.पिता अपने दो छोटे पुत्र के साथ रह रहे थे. तीनों नालायक पुत्र पिता को तंग किया करते थे और पूर्व में मारपीट भी की थी.पिता रामदेव ने खतरा भांप कर थाने में पूर्व में आवेदन भी दिया था जिससे उन पुत्रों को और भी गुस्सा था.और फिर रविवार की रात रामदेव खाना खाकर मकई की फसल की रखवाली करने खेत गए थे,जहाँ बड़े बेटों ने अपने ससुराल वालों की मदद से लाठी और भाला से रामदेव की हत्या कर डाली.
मृतक के छोटे पुत्र के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है जिसमे रामदेव के दो पुत्र डिम्पल और सोमनाथ के साथ इसके सास,ससुर और साला को भी अभियुक्त बनाया गया है.
लालची पुत्रों ने की पिता की हत्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 17, 2011
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