सरकारी उपेक्षा से वन विभाग खस्ताहाल

 रूद्र ना० यादव/०७ मई २०११
वन विभाग का जिला स्थित कार्यालय सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है.विभाग दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के सहारे चल रहा है.विभाग में जहाँ ४० कर्मचारियों की आवश्यकता है वहां सिर्फ नौ कर्मचारियों के भरोसे इस विभाग को चलाया जा रहा है.बताया जाता है कि यहाँ काम कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को १९९० से यानी २१ वर्ष से सेवा नियमित करने का आश्वासन दिया जाता रहा है,पर अब ये कर्मचारी भी हिम्मत हार चुके है. इनसे कार्यालय से
लेकर क्षेत्र तक का काम करवाया जाता है.विभाग में नए कर्मचारियों व पदाधिकारियों का पदस्थापन कई वर्षों से नही हुआ है जबकि पुराने कर्मचारी रिटायर करते जा रहे हैं.
     इस विभाग की मुश्किलें दो वर्षों से और भी बढ़ी हुई है.कारण है वेतन हेतु आबंटन का अप्राप्त रहना.विभाग के कर्मचारीगण इसे सरकार की लापरवाही बताते हैं.आबंटन नही रहने से पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण को दो वर्षों से वेतन नही मिल सका है.छोटे कर्मचारियों का इस विभाग में पेट चलना भी दूभर हो चला है.
    ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का ध्यान वन विभाग के तरफ से बिलकुल ही हटा हुआ है क्योंकि इस विभाग के पास अभी कोई कार्य योजना भी नही है.कुछ पहले के सूखे पेड़ों को हटा दिया जाता है और बदले में मुफ्त मिलने वाले पेड़ों को लगा दिया जाता है.कर्मचारीगण शायद ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उन्हें ये याद रह सके कि वे वन विभाग से ही जुड़े हुए लोग हैं.
सरकारी उपेक्षा से वन विभाग खस्ताहाल सरकारी  उपेक्षा से वन विभाग खस्ताहाल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 07, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. bihar me sirf patna ka vikas ho rhaha hai.sadak chhor kar kuchh nahi hua hai.sab dikhawa hai.

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