"अगर आप मिहनती हैं,तो आप खुद अपना खर्च चला सकते है और पढाई भी साथ-साथ कर सकते हैं. अभी स्कॉलरशिप की भी बहुत सी सुविधाएँ उपलब्ध हैं. अगर आप में सच्ची लगन है तो पैसा आपकी सफलता में कभी बाधक नही होंगी."
मधेपुरा के गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र-छात्राओं को भारतीय सिविल सेवा में १२१वां रैंक हासिल कर मधेपुरा का नाम रौशन करने वाले कुमार गौरव (क्रमांक-002258) ने ये सन्देश मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से दिया है.मालूम हो कि कुमार गौरव पटोरी (सिंघेश्वर) निवासी श्री मदन मोहन सिंह और श्रीमती मंजू देवी के पुत्र हैं.
क्या कोचिंग करना जरूरी है? इस प्रश्न पर गौरव कहते हैं कि कोचिंग करना कोई जरूरी नहीं है.लूट रहे हैं कोचिंग वाले.कोचिंग से कोई फायदा या घाटा नही है.यदि आप में लगन हो और आप निरंतर तैयारी कर सकते हैं तो कोचिंग में पैसे लगाना जरूरी नही है.हाँ,कोचिंग से आपकी नियमितता बनी रहती है,पर अगर आप खुद को नियमित रूप से पढाई में लगाए रखने में सक्षम हैं तो वहां कोचिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाती है.आज की कोचिंग संस्थान बिजनेस पर ज्यादा और शिक्षा पर कम ध्यान देती है.
मधेपुरा टाइम्स के प्रबंध संपादक राकेश सिंह से हुई लंबी बातचीत में कुमार गौरव ने बहुत से विषयों पर अपने विचार रखे.पूरी बातचीत हम जल्द ही मधेपुरा टाइम्स पर प्रकाशित करने जा रहे हैं,जिससे सिविल सेवा का सपना देख रहे छात्र-छात्राओं को बेहतर दिशानिर्देश मिल सके.
अपनी इस सफलता से बहुत ज्यादा खुश कुमार गौरव अपना आदर्श अपने पिता को मानते हैं. गौरव कहते हैं मंजिल मिल गयी,पर चलना अभी बाक़ी है
गरीबी पढाई में बाधा नहीं: कुमार गौरव (सिविल सेवा परीक्षा में चयनित)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 15, 2011
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sir please give his e mail id so that upsc aspirant may seek some help from him regarding subject selection...else give me his emailid
ReplyDeletePravin kumar jha
vitspravin@gmail.com
Madhepura jila ka naam rousan karne aur upsc mein safalta prapt karne ke liye,mein unhe tahe dil se badhai deta hu...good luck for his future...
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