रूद्र नारायण यादव/२६ अप्रैल २०११
मंडल कारा मधेपुरा के कई 'उच्च अनुशासित कैदियों' (जैसा कि उन्होंने अपने पत्र में लिखा है) ने आमरण अनशन की धमकी दी है.जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधेपुरा को लिखे एक पत्र में कैदियों ने ये आरोप लगाया है कि बीते १६ अप्रैल को सुबह में सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्री गोपाल मीणा के नेतृत्व में ली गयी तलाशी के क्रम में कैदियों के पास मिले रूपयों को भी जब्त कर लिया गया है.आरोप
ये भी लगाया गया है कि कारा अधीक्षक ने रूपये लौटाने की बात भी कही थी,पर आनाकानी की नीयत को
भांपते हुए पुन: जब काराधीक्षक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पांच सौ रूपये से अधिक राशि कैदियों को अपने पास रखने की अनुमति नही है.कैदियों के हस्ताक्षरयुक्त इस आवेदन में विवरण के अनुसार बबलू यादव के पास से ६३०० रू०,गणेश यादव से २०८० रू०,प्रमोद यादव से ८०० रू०,मेघनाथ शर्मा से ५०० रू०,नरेश यादव से
४०० रू० तथा रवीन्द्र यादव से ४०० रू० जब्त किये गए थे.कैदियों का ये भी कहना है कि अब तक ५०० से कम राशि वालों को भी रकम वापस नही की गयी है.रकम वापस न करने पर वे आमरण अनशन को बाध्य होंगे.कैदियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैदियों ने वे रूपये केस में खर्च,वकीलों को देने आदि हेतु घर से मंगाया था,जिसके जब्त हो जाने से अब उनके जेल से निकलने की उम्मीद कम हो गयी है.
ये भी लगाया गया है कि कारा अधीक्षक ने रूपये लौटाने की बात भी कही थी,पर आनाकानी की नीयत को
भांपते हुए पुन: जब काराधीक्षक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पांच सौ रूपये से अधिक राशि कैदियों को अपने पास रखने की अनुमति नही है.कैदियों के हस्ताक्षरयुक्त इस आवेदन में विवरण के अनुसार बबलू यादव के पास से ६३०० रू०,गणेश यादव से २०८० रू०,प्रमोद यादव से ८०० रू०,मेघनाथ शर्मा से ५०० रू०,नरेश यादव से
४०० रू० तथा रवीन्द्र यादव से ४०० रू० जब्त किये गए थे.कैदियों का ये भी कहना है कि अब तक ५०० से कम राशि वालों को भी रकम वापस नही की गयी है.रकम वापस न करने पर वे आमरण अनशन को बाध्य होंगे.कैदियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैदियों ने वे रूपये केस में खर्च,वकीलों को देने आदि हेतु घर से मंगाया था,जिसके जब्त हो जाने से अब उनके जेल से निकलने की उम्मीद कम हो गयी है.
जिला न्यायाधीश को भेजे पत्र की प्रति जिला पदाधिकारी, मधेपुरा, कारा महानिरीक्षक, पटना, मुख्यमंत्री, बिहार आदि को भी प्रेषित है.
कैदियों ने इस पत्र के अंत में इसे भ्रष्टाचार भी बताया है.लिखा है "अतएव माननीय महोदय से करबद्ध प्रार्थना है-जन-गण-मन की एक याचिका है कि- बेबस/बेकस- समाज से उपेक्षित/वंचित कैदियों के मानवाधिकार के रक्षार्थ सूची अनुसार रकम की साबूत वापसी करवाने की महती कृपा कि जाय अन्यथा देश की सबसे बड़ी चौपाल जहाँ क़ानून बनते हैं-में सांसदों की खरीद फरोख्त हेतु संसद में नोटों की गड्डियां लहरायी गयी-इसी मानसिकता के गुनाह की रीति है यह घटना.यह भ्रष्टाचार नही तो और क्या है?"
मंडल कारा के कैदियों ने दी अनशन की धमकी,कहा जब्त रूपये वापस करो
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 26, 2011
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