परमात्मा से मिलन को मेरा रिजर्वेशन कन्फर्म ,बाकी सब हैं वेटिंग लिस्ट में

स्थानीय  व्यवहार न्यायालय के इस बारगणतंत्र दिवस पर झंडोत्तोलन के बाद जैसे ही जन-गन-मन समाप्त हुआ की "गणतंत्र दिवस,जिंदाबाद" की जगह जोरों की आवाज गूंजी,"जय श्री राम".

नारा लगाने वाले की तरफ जब लोगों की नजरें गयी,तो सबों की हंसी फूट पड़ी.संतों के वेश में ये एक अधिवक्ता थे. ये  शख्श मधेपुरा में जिधर भी निकलता है,लोगों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच लेता है.कपड़े और वेशभूषा ऐसी कि एक बार तो समझना मुश्किल हो जाता है कि ये पागल है या फिर कोई भक्त. दरअसल के०पी०साह पेशे से अधिवक्ता हैं और दिन में वकालत करते समय इनका वेश बदल जाता है.काला कोट धारण किये भक्ति के नाम पर सिर्फ ललाट पर चन्दन लगाए रखते हैं.

बाक़ी समय ये दिखने से रामभक्त हनुमान लगते है.पूरे शरीर पर जय श्रीराम लिखा गेरुआ वस्त्र होता और सबसे ज्यादा तैयारी इनकी होती है जब ये किसी कार्यक्रम में पहुँचते हैं.डबल चश्मा,श्रीराम लिखी टोपी,गेरुआ वस्त्र ओढ़े शाल,गले में माला,ललाट पर चौड़ा सा तिलक इनकी खास पहचान है.
      फर्राटे से अंग्रेजी बोलने वाले  कैलाश प्र० साह हाल तक सिर्फ अधिवक्ता थे.पूछने पर बताते हैं कि अचानक मुझे ज्ञान हुआ कि मौत के बाद भी अगर व्यक्ति का परमात्मा से मिलन नहीं हुआ तो ये जिंदगी व्यर्थ है और परमात्मा से मिलन के लिए भक्ति के रंग में रंग जाना परमावश्यक है.ये कहते हैं कि "अकौर्डिंग टू शेक्सपियर,दिस वर्ल्ड इज अ स्टेज एंड वी आल आर एक्टर्स  एंड एक्ट्रेसेज,वी आल हैव टू परफॉर्म अवर एक्ट्स."जब इनसे ये पूछा गया कि क्या परमात्मा से मिलन हेतु ऐसी वेशभूषा आवश्यक है,तो इनका जवाब था-बिलकुल.और जब इनसे यह पूछा गया कि क्या जिन लोगों ने ऐसा वेश नही अपनाया है,वो परमात्मा से नही मिल सकते है तो इन्होने दावे के साथ कहा कि परमात्मा से मिलन हेतु मेरा रिजर्वेशन बर्थ कंफर्म है,बाक़ी सब हैं वेटिंग लिस्ट में,जगह खाली रहा तो उन्हें मिलेगा,नही तो वे प्लेटफॉर्म पर ही रह जायेंगे.
परमात्मा से मिलन को मेरा रिजर्वेशन कन्फर्म ,बाकी सब हैं वेटिंग लिस्ट में परमात्मा से मिलन को मेरा रिजर्वेशन कन्फर्म ,बाकी सब हैं वेटिंग लिस्ट में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 07, 2011 Rating: 5

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