राकेश सिंह/१० सितम्बर २०१०
कल भरी दोपहर में एक बहू ने सास की हरकतों से तंग आकर आत्महत्या की नीयत से अरार घाट के कोसी की उपशाखा नदी में छलांग लगा दी. ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के सरसंडी गांव की इस महिला ने जब तक आस पास के लोग कुछ समझ पाते अरार घाट पुल के रेलिंग पर चढ़कर नदी में छलांग लगा दी . प्राप्त सूचना के अनुसार महिला नदी में डूबने पर ही थी
कि दो-तीन युवकों ने नदी में कूद कर महिला की जान बचा ली. नदी से बाहर निकालने वाला युवक बीरबल कुमार के अनुसार महिला बड़ी तेजी से ग्वालपाड़ा की ओर से पैदल ही आ रही थी और एक झटके में पुल पर से कूद गई.महिला को पानी से बाहर निकाला गया और ग्रामीणों के द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया जिसके बाद होश में आने पर महिला ने अपना नाम कलावती देवी पति बेचन यादव बताया. महिला का ससुराल ग्वालपाड़ा के सरसंडी दरगाह के पास है.महिला के तीन बच्चे हैं और उम्र लगभग 35 वर्ष है कलावती के कथनानुसार उसकी लड़ाई बुधवार से ही सास और ससुर दोनों से से चल रही थी और अंत में रोज रोज की चख-चख से तंग आकर उसने जान देना ही मुनासिब समझा. घटना की सूचना मिलते ही अरार ओपी प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने तुरंत महिला को आत्महत्या के प्रयास के मामले में हिरासत में ले लिया और इलाज के वास्ते ग्वालपाड़ा पीएचसी भेज दिया, जहां अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा.पीके अग्रवाल ने उसकी स्थिति खतरे से बाहर बतायी.
कि दो-तीन युवकों ने नदी में कूद कर महिला की जान बचा ली. नदी से बाहर निकालने वाला युवक बीरबल कुमार के अनुसार महिला बड़ी तेजी से ग्वालपाड़ा की ओर से पैदल ही आ रही थी और एक झटके में पुल पर से कूद गई.महिला को पानी से बाहर निकाला गया और ग्रामीणों के द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया जिसके बाद होश में आने पर महिला ने अपना नाम कलावती देवी पति बेचन यादव बताया. महिला का ससुराल ग्वालपाड़ा के सरसंडी दरगाह के पास है.महिला के तीन बच्चे हैं और उम्र लगभग 35 वर्ष है कलावती के कथनानुसार उसकी लड़ाई बुधवार से ही सास और ससुर दोनों से से चल रही थी और अंत में रोज रोज की चख-चख से तंग आकर उसने जान देना ही मुनासिब समझा. घटना की सूचना मिलते ही अरार ओपी प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने तुरंत महिला को आत्महत्या के प्रयास के मामले में हिरासत में ले लिया और इलाज के वास्ते ग्वालपाड़ा पीएचसी भेज दिया, जहां अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा.पीके अग्रवाल ने उसकी स्थिति खतरे से बाहर बतायी.
घरेलू झगडे सामान्य सी बात है पर किसी व्यक्ति को इतना तंग और दुखी नही कर देना चाहिए कि वह आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठा ले.सास ने अगर इस बहू को इतना परेशान कर दिया तो सास को हमेशा यह याद रखना चाहिए कि बहू के साथ अच्छा बर्ताव करना चाहिए,क्योंकि वह भी कभी बहू थी.
क्योंकि सास भी कभी बहू थी....
Reviewed by Rakesh Singh
on
September 10, 2010
Rating:
No comments: