राकेश सिंह/१० जुलाई २०१०
महंगाई के विरोध में राजद और लोजपा की ओर से आहूत बिहार बंद मधेपुरा में हौच-पौच हुआ.दुकानें खुलने के समय के पूर्व ही मौसम ने बंद को बेमजा किया.घुप्प अँधेरा और तत्पश्चात घनघोर बारिश में नेता दुबक गए घरों में.अभी ये पता नही चल पा रहा कि बारिश और खराब मौसम की वजह से ये बंद है अथवा ये बंद सफल है.उससे पूर्व मुख्य बाजार में सिर्फ
एक चौपहिया वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर बच्चों को जिंदाबाद चिल्ल्वाते नजर आये नेता.प्रशासन का वज्र्वाहन घूम रहा सड़कों पर.
इक्का-दुक्का दुकानदार दूकान खोल सामान बेचते नजर आ रहे.किसी अप्रिय वारदात की आशंका से पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस बल तैनात,परन्तु बारिश में वे भी खोज रहे हैं आशियाना.
दोपहर बीता उधेड़बुन में.फिर भी इंद्र देवता नाराज ही रहे बंद समर्थकों से.बारिश लगातार होती ही रही पूरे दिन भर.तीन बजे के बाद दुकानें खुलनी शुरू हो गयी और सड़क पर वाहनों का दौडना भी आरम्भ हो गया.यानी राजद-लोजपा का ये बंद बारिश और लोगों के अनमने समर्थन के कारण कुल मिलाकर मधेपुरा में फ्लॉप रहा.
लाख टके की बात ये है कि शायद लगातार बंद से जनता उब चुकी है.वे समझ चुके हैं कि ये नेता और राजनीतिक पार्टी का शक्ति प्रदर्शन है सत्ता के लिए.बंद के दौरान आम लोगों को आर्थिक शारीरिक और मानसिक परेशानी तो झेलनी ही पड़ती है.और शायद इस बंद के मधेपुरा में फ्लॉप होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि इसी मुद्दे पर सिर्फ पांच दिन पहले ही भारत बंद का आह्वान किया गया था जिसे सबों ने सफल बनाया था तो फिर तुरंत ही इस बंद का क्या औचित्य था?
एक चौपहिया वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर बच्चों को जिंदाबाद चिल्ल्वाते नजर आये नेता.प्रशासन का वज्र्वाहन घूम रहा सड़कों पर.
इक्का-दुक्का दुकानदार दूकान खोल सामान बेचते नजर आ रहे.किसी अप्रिय वारदात की आशंका से पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस बल तैनात,परन्तु बारिश में वे भी खोज रहे हैं आशियाना.
दोपहर बीता उधेड़बुन में.फिर भी इंद्र देवता नाराज ही रहे बंद समर्थकों से.बारिश लगातार होती ही रही पूरे दिन भर.तीन बजे के बाद दुकानें खुलनी शुरू हो गयी और सड़क पर वाहनों का दौडना भी आरम्भ हो गया.यानी राजद-लोजपा का ये बंद बारिश और लोगों के अनमने समर्थन के कारण कुल मिलाकर मधेपुरा में फ्लॉप रहा.
लाख टके की बात ये है कि शायद लगातार बंद से जनता उब चुकी है.वे समझ चुके हैं कि ये नेता और राजनीतिक पार्टी का शक्ति प्रदर्शन है सत्ता के लिए.बंद के दौरान आम लोगों को आर्थिक शारीरिक और मानसिक परेशानी तो झेलनी ही पड़ती है.और शायद इस बंद के मधेपुरा में फ्लॉप होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि इसी मुद्दे पर सिर्फ पांच दिन पहले ही भारत बंद का आह्वान किया गया था जिसे सबों ने सफल बनाया था तो फिर तुरंत ही इस बंद का क्या औचित्य था?
इंद्र देवता ने पानी फेरा बिहार बंद पर:मधेपुरा में बंद फ्लॉप शो
Reviewed by Rakesh Singh
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July 10, 2010
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