रूद्र नारायण यादव/११ जुलाई २०१०
मधेपुरा में स्वास्थ्य विभाग भगवान् भरोसे चल रहा है,जिसका जीता-जागता प्रमाण है सिविल सर्जन परसुराम प्रसाद द्वारा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मचारियों की तबादला की सूची जिसमे अजूबा ये है कि पिंकी कुमारी नामक ए० एन० एम० जो पिछले दो वर्ष पूर्व ही स्थानांतरित होकर झारखंड राज्य चली गई लेकिन मधेपुरा सिविल सर्जन इसे अब भी अपना कर्मचारी समझ स्थानांतरित कर दिया है.इतना ही नही जिले के
विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में एक ही जगह पर कुंडली मार २१ वर्षों से बैठे कर्मचारियों का तबादला नहीं किये और शान्ति कुमारी एवं नीलम लाल नामक ए०एन०एम० को मात्र इस जिले में दो वर्ष हुए,फिर भी स्थानांतरित कर दिए गए.इसके अलावे मंजू देवी नामक ए०एन०एम० मधेपुरा पीएचसी में पदस्थापित है ही नही और इन्हें भी यहाँ से स्थानांतरित कर दिया गया है.
इससे साफ़ जाहिर होता है कि पैसे के लेन देन में इस तरह की त्रुटिपूर्ण सूची बनाई गयी और उन्हें जारी भी कर दिया गया.सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवा को सुधारने में एडी-चोटी एक की हुई है लेकिन इनके मुलाजिम इन्हें फ्लॉप करने में जुटे हैं.इसे सरकार की विफलता कहें या अधिकारी की लापरवाही.
विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में एक ही जगह पर कुंडली मार २१ वर्षों से बैठे कर्मचारियों का तबादला नहीं किये और शान्ति कुमारी एवं नीलम लाल नामक ए०एन०एम० को मात्र इस जिले में दो वर्ष हुए,फिर भी स्थानांतरित कर दिए गए.इसके अलावे मंजू देवी नामक ए०एन०एम० मधेपुरा पीएचसी में पदस्थापित है ही नही और इन्हें भी यहाँ से स्थानांतरित कर दिया गया है.
इससे साफ़ जाहिर होता है कि पैसे के लेन देन में इस तरह की त्रुटिपूर्ण सूची बनाई गयी और उन्हें जारी भी कर दिया गया.सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवा को सुधारने में एडी-चोटी एक की हुई है लेकिन इनके मुलाजिम इन्हें फ्लॉप करने में जुटे हैं.इसे सरकार की विफलता कहें या अधिकारी की लापरवाही.
अजूबा- पदस्थापित झारखण्ड में, स्थानान्तरण करते हैं मधेपुरा सिविल सर्जन
Reviewed by Rakesh Singh
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July 11, 2010
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