संवाददाता/१४ जून २०१०
वैसे तो किसी भी सरकारी सेवक को नियुक्ति के दिन से ही अपनी सेवानिवृति की तिथि याद रहती है,पर एक बात तो तय है कि सेवानिवृति का समय जब आता है तो वह कुछ दिन पूर्व से ही तैयार रहता है,पर यदि कोई अपने सेवानिवृति की तारीख छुपा ले तो निश्चित रूप से यह एक बड़े अपराध की श्रेणी में आएगा और इस तरह पूरा सिस्टम ही बिगड़ जाएगा.मधेपुरा जिला में पदस्थापित एक पुलिसकर्मी के द्वारा भी फर्जी उम्र प्रमाणपत्र दिखाकर निर्धारित उम्र सीमा से करीब पांच साल अधिक नौकरी कर वेतन मद से लाखों रुपये अवैध निकाल लेने का मामला प्रकाश में आया है
.आरक्षी अधीक्षक के आदेश पर सदर थाना में अवकाश प्राप्त पुलिस अवर निरीक्षक रामानारायण सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कर इस सम्बन्ध में अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.बताया जाता है कि मधुबनी जिला के खजौली कलुवाही थाना के नरार थान निवासी रामनारायण सिंह दिनांक ०१-११-१९९५ को पुलिस में नियुक्त हुए थे. नियुक्ति के समय उन्होंने अपनी जन्म तिथि १२-११-१९४७ दिखाया. जमालपुर रेल थाना में उन्होंने इसी आधार पर एक सेवा पुस्तिका भी तैयार करवा लिया. बाद में उनका स्थानांतरण मधेपुरा जिला पुलिस में हुआ.मधेपुरा जिला से जब वे ३०-११-२००७ को रिटायर हुए तब स्थानीय रक्षित कार्यालय से जब उनके कागजातों की जांच के क्रम में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से उम्र प्रमाणपत्र मंगवाया गया तो पता चला कि श्री रामनारायण सिंह का जन्म १८-११-१९४९ को ही हुआ था जिसके अनुसार उन्हें १८-११-२००३ को ही ५८ साल की सेवा अवधि पूर्ण करने के बाद रिटायर होना था यानी फर्जी उम्र प्रमाणपत्र के आधार पर उन्होंने लगभग चार साल पांच माह अधिक समय तक सेवा किया और वेतन मद में लाखों की अवैध राशि की निकासी की.
मामले के प्रकाश में आने के बाद एसपी वरुण कुमार सिंहा के आदेश पर पेंशन प्रभारी नरेश प्रसाद सिंह के बयान पर सदर थाना में भा० द० वि० की धारा 409, 420, 466, 468 तथा 471 के तहत मधेपुरा थाना में एक प्राथमिकी दर्ज किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक ने मामले को संगीन मानते हुए अग्रिम कार्रवाई का आदेश जारी किया है जिससे दोषी को जल्द से जल्द सजा मिल सके.
.आरक्षी अधीक्षक के आदेश पर सदर थाना में अवकाश प्राप्त पुलिस अवर निरीक्षक रामानारायण सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कर इस सम्बन्ध में अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.बताया जाता है कि मधुबनी जिला के खजौली कलुवाही थाना के नरार थान निवासी रामनारायण सिंह दिनांक ०१-११-१९९५ को पुलिस में नियुक्त हुए थे. नियुक्ति के समय उन्होंने अपनी जन्म तिथि १२-११-१९४७ दिखाया. जमालपुर रेल थाना में उन्होंने इसी आधार पर एक सेवा पुस्तिका भी तैयार करवा लिया. बाद में उनका स्थानांतरण मधेपुरा जिला पुलिस में हुआ.मधेपुरा जिला से जब वे ३०-११-२००७ को रिटायर हुए तब स्थानीय रक्षित कार्यालय से जब उनके कागजातों की जांच के क्रम में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से उम्र प्रमाणपत्र मंगवाया गया तो पता चला कि श्री रामनारायण सिंह का जन्म १८-११-१९४९ को ही हुआ था जिसके अनुसार उन्हें १८-११-२००३ को ही ५८ साल की सेवा अवधि पूर्ण करने के बाद रिटायर होना था यानी फर्जी उम्र प्रमाणपत्र के आधार पर उन्होंने लगभग चार साल पांच माह अधिक समय तक सेवा किया और वेतन मद में लाखों की अवैध राशि की निकासी की.
रिटायर होने के बाद साढ़े चार साल की अवैध नौकरी- मामला दर्ज
Reviewed by Rakesh Singh
on
June 14, 2010
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