रूद्र नारायण यादव/१३ जून २०१०
कोशी क्षेत्र में आये दिन बिजली के करेंट से लगातार मौतें हो रही है.इसका कारण है विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते जीर्णशीर्ण अवस्था में लटके बिजली के तार,खम्भे व वृक्ष के सहारे लटके तार से हो रहे विद्युत प्रवाह.प्रतिदिन घट रही घटना के बावजूद विभागीय अधिकारी लोगों की मौत को देखकर मजा ले रहे हैं और जर्जर अवस्था में पड़े तारपोल को मरम्मत करना मुनासिब नहीं समझते.
जिसका जीता जागता उदाहरण है उदाकिशुन अनुमंडल के विष्णुपुर गांव में कुसहा त्रासदी के दौरान जब ११००० वोल्ट वाली तार गिर गयी तो सेना के जवानों ने आनन-फानन में एक जले स्थानीयबी(वृक्ष) में तत्काल खींच कर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल किया था.
लेकिन त्रासदी के दो वर्ष बीतने के बावजूद विभागीय पदाधिकारी एवं स्थानीय कर्मी चैन की बंशी बजा रहे हैं.उन्हें पता है कि इस तार से जल्द ही यहाँ के लोग मौत के मुंह में समायेंगे,इसीलिए शायद मौत का खेल देखने के लिए बिजली के खम्भे लगा कर उससे तार को नहीं गुजारा जा रहा है.स्थानीय लोगों ने बताया कि इसकी जानकारी कई बार लिखित रूप से जिला प्रशासन और विद्युत विभाग के अधिकारियों को दी गयी लेकिन दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोई सार्थक कार्यवाही नहीं की जा सकी है.विद्युत विभाग के कनीय अभियंता सहदेव सिंह ने बताया कि बाद में सड़क क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण सम्बंधित जगह पर मटेरिअल ले जाने की व्यवस्था नहीं है इसीलिये खम्भा लगाने में बिलम्ब हो रहा है.इस बाबत ग्रामीणों ने कहा कि जब तक यहाँ पर खम्भा की व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक विद्युत आपूर्ति पर रोक लगा देनी चाहिए ताकि कोई अनहोनी न हो जाये.
जिसका जीता जागता उदाहरण है उदाकिशुन अनुमंडल के विष्णुपुर गांव में कुसहा त्रासदी के दौरान जब ११००० वोल्ट वाली तार गिर गयी तो सेना के जवानों ने आनन-फानन में एक जले स्थानीयबी(वृक्ष) में तत्काल खींच कर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल किया था.
लेकिन त्रासदी के दो वर्ष बीतने के बावजूद विभागीय पदाधिकारी एवं स्थानीय कर्मी चैन की बंशी बजा रहे हैं.उन्हें पता है कि इस तार से जल्द ही यहाँ के लोग मौत के मुंह में समायेंगे,इसीलिए शायद मौत का खेल देखने के लिए बिजली के खम्भे लगा कर उससे तार को नहीं गुजारा जा रहा है.स्थानीय लोगों ने बताया कि इसकी जानकारी कई बार लिखित रूप से जिला प्रशासन और विद्युत विभाग के अधिकारियों को दी गयी लेकिन दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोई सार्थक कार्यवाही नहीं की जा सकी है.विद्युत विभाग के कनीय अभियंता सहदेव सिंह ने बताया कि बाद में सड़क क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण सम्बंधित जगह पर मटेरिअल ले जाने की व्यवस्था नहीं है इसीलिये खम्भा लगाने में बिलम्ब हो रहा है.इस बाबत ग्रामीणों ने कहा कि जब तक यहाँ पर खम्भा की व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक विद्युत आपूर्ति पर रोक लगा देनी चाहिए ताकि कोई अनहोनी न हो जाये.
वृक्ष के सहारे लटका 11000 वोल्ट का तार: मौत को आमंत्रण
Reviewed by Rakesh Singh
on
June 13, 2010
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