|वि० सं०|10 जून 2014|
नौकरी पाने के लिए लोग क्या नहीं करते हैं ? इससे
पहले परीक्षा की कॉपी में जांचने वाले के नाम से पत्र लिखने की घटना तो यदा-कदा
सुनने को मिलती है, पर अब नौकरी के लिए किये जाने वाले आवेदन पत्र के साथ भी
नियोक्ता को पत्र लिखने की घटना भी सामने आ रही है. भले ही ये तरीका गलत हो, पर
इसे दूसरे तरीके से देखें तो ये बिहार में बेरोजगारों की बेबसी दर्शाता है.
      हाल में
ही जिले में एक कार्यालय में नौकरी के लिए भेजे गए गए आवेदन के साथ मिले एक पत्र
कुछ इस तरह है-
        “जीवन में गहरी खाई-सी पैदा हो गई है. महाशय आप तो महान हैं.
बहुत सी ठोकरें खाए हैं. आपसे झोली फैलाकर थोड़ी सी नसीब मांगते हैं. आपसे मेरी
कहानी शुरू होगी और खत्म होगी. बेबस और लाचार हूँ आप मुझपर थोड़ी सी दया कीजिए
मालिक. आपका सदा कर्जदार बनकर तत्पर रहूँगा. आप जो भी अपने मुख से बोल देंगे ही
मेरे लिए लकीर बन जायेगी. किसके पास जाएँ कोई किसी की बात नहीं सुनता. इसलिए हम
आपको डायरेक्ट लिख रहे हैं. आपसे हमको संपर्क हो यही मेरी लिए अहम भूमिका होगी.
मोबाइल नं. 07654_8_5_.”
      जाहिर
है, बिहार में रोजगार के प्रति अनिश्चिततता का माहौल बना हुआ है और हर कोई चाहता
है कि किसी भी तरह उसे कहीं से कोई स्थायी नियुक्ति मिल जाय ताकि जिंदगी की
मुश्किलें कम हो सके.
नौकरी के लिए छात्र ने किया आवेदन और डाल दिया लिफ़ाफ़े में अलग से एक पत्र, पढ़िए क्या लिखा पत्र में ?
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