आज इनका बंद, कल उनका बंद. विपक्षी का सरकार के
खिलाफ बंद तो राज्य सरकार का केन्द्र सरकार के खिलाफ बंद. बंद चाहे जिनका भी हो,
उनके समर्थक समेत आम जनता परेशान है. बंद के कारण कभी किसी का बड़ा काम बिगड़ जाता
है तो कभी किसी बीमार की जान भी चली जाती है. पर नेताओं को आम जनता के दुखों से
क्या लेना देना. जो सत्ता में नहीं हैं वो सत्ता पाने की चाह में बंद करा रहे हैं
और जो सत्ता में हैं वो सत्ता में बने रहने के लिए. आज का बंद तो अजीब तरह का बंद
था. सरकार ने बंद से अपनी ही जनता का कष्ट में डाल दिया.
मधेपुरा
रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक दिए जाने के कारण सैंकड़ों आवश्यक कार्य से बाहर जाने
वाले यात्री स्टेशन से ही वापस हो लिए और उन्हें कितनी दूर पैदल जाना पड़ा होगा ये
बताने वाला भी कोई नहीं.
गम्हरिया
के अनवर के परिजनों ने जब अनवर की शादी की तिथि तय की थी तो उन्हें पता नहीं था कि
कोई नामुराद उस तिथि को बिहार बंद कराकर दूल्हा बने उसके बेटे को तकलीफ दे जाएगा.
अनवर जब गम्हरिया से सिंहेश्वर शादी के लिए चला तो बंद समर्थकों ने उसी गाड़ी को
जाने नहीं दिया. मिन्नतें बेकार गई और अंत में दूल्हा बने अनवर को रिक्शे पर बैठकर
शादी के लिए जाना पड़ा.
बंद, बंद, बंद से परेशान लोग: दुल्हे को शादी करने जाना पड़ा रिक्शा से
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 02, 2014
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