|मुरारी कुमार सिंह|10 फरवरी 2014|
अब आप कहेंगे कि चोरों में कमीनापन नहीं होगा तो
क्या इनमें भलमनसाहत होगी. आपकी बात से हम भी सहमत हैं पर यहाँ हुई चोरी ये दर्शा
रहा है कि ग़रीबों के सामान की चोरी कर उसे दाने-दाने को मुंहताज कर देने वाले चोर
निश्चित रूप से अत्यंत ही गिरे किस्म के रहे होंगे.
जिला
मुख्यालय में भारत गैस एजेंसी के पास पान की दुकान कर परिवार का पेट भरने वाले सुरेन्द्र
के कटघरे में बीती रात चोरों ने ताला तोड़कर चोरी कर ली. हाल में ही सुरेन्द्र
कुमार यादव ने कर्ज लेकर अपनी दुकान में करीब पांच हजार रूपये की सामान लाया था.
उम्मीद लगाये बैठा था कि कुछ बेहतर आमदनी होगी तो कर्ज भी चुकता कर देंगे और
दीपावली में बच्चों को कपड़े नहीं दे सका था सो शिवरात्रि में ही बच्चों को थोड़ी
खुशी दे देंगे.
पर
किस्मत को शायद ये मंजूर नहीं था. चोर महज दो-चार सौ रूपये की सामान छोड़ बाक़ी उठा
ले गए. सुरेन्द्र के साथ ऐसा हादसा पहली बार नहीं हुआ है. वर्ष 2011 में भी उसकी
छोटी सी
दुकान में चोरी हुई थी और कटघरे में आग भी लगा दी गई थी. बाद में पकड़ाए बच्चा चोरों से पता चला कि कुछ बच्चों ने सुरेन्द्र से गुटखा की मांग की थी. सुरेन्द्र ने बच्चा कहकर देने से मना किया तो जायज माँ-बाप के नाजायज बच्चों ने दारू और सिगरेट पीकर गुस्से में आकर पहले तो ताला तोड़कर दुकान में रखे गुटखे पर हाथ साफ़ किया फिर बदला लेने की नीयत से दुकान में आग लगा दी.
दुकान में चोरी हुई थी और कटघरे में आग भी लगा दी गई थी. बाद में पकड़ाए बच्चा चोरों से पता चला कि कुछ बच्चों ने सुरेन्द्र से गुटखा की मांग की थी. सुरेन्द्र ने बच्चा कहकर देने से मना किया तो जायज माँ-बाप के नाजायज बच्चों ने दारू और सिगरेट पीकर गुस्से में आकर पहले तो ताला तोड़कर दुकान में रखे गुटखे पर हाथ साफ़ किया फिर बदला लेने की नीयत से दुकान में आग लगा दी.
अब सुरेन्द्र
जाए तो जाए कहाँ. जिससे कर्ज लिया था, उसके पास फिर कर्ज के लिए तो जा नहीं सकते
और दूसरे का क्या भरोसा. सर पकड़ कर सुरेन्द्र कहता है कि समाज में लोग सहानुभूति
तो जरूर दिखा देते हैं, पर पैसे से मदद करना कोई नहीं चाहता, भले ही वो करोड़पति ही
क्यों न हो. सुरेन्द्र की दुकान भले ही अब चोरी के बाद कमजोर हो गई हो, पर उसकी
बातों में तो दम है.
चोरों का कमीनापन: कटघरे में चोरी कर गरीब पानवाले को किया मुंहताज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 10, 2014
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