|ए.सं.|10
फरवरी 2014|
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रो सूरज यादव उर्फ सूरज मंडल ने मधेपुरा और सहरसा की धरती पर संत रविदास उर्फ रैदास की जयन्ती को पूरे धूम-धाम से मनाये जाने पर स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के ज़िला इकाइयों को बधाई देते हुए, इस पावन अवसर पर अपने स्वास्थ्य अड़चनों के कारण से नहीं शामिल होने पर खेद प्रकट करते हुए, क्षेत्र के लोगों से क्षमा याचना की है.
सूरज मंडल ने इस समारोह में मधेपुरा/सहरसा की धरती पर भा ज पा के प्रमुख नेता श्री सुशील मोदी के शामिल होने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है। सूरज मंडल ने कार्यक्रम में शामिल अपने सैकड़ों समर्थकों को बधाई देते हुए उन्हें संत रविदास के दिखाये मार्ग को अनुशरण करने का आह्वान किया।
गुरु रविदास या रैदास भक्ति काल में 15वी शताब्दी के प्रमुख संत थे जिनका प्रभाव मुख्य रूप से आधुनिक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में था। रैदास का जन्म काशी में चर्मकार कुल में हुआ था। जिन दिनों में भारतीय समाज अनेक बुराइयों से ग्रस्त था, उसी समय रैदास जैसे समाज-सुधारक सन्तों का प्रादुर्भाव
हुआ। रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया। उनकी वाणी का इतना व्यापक प्रभाव पड़ा कि समाज के सभी वर्गों के लोग उनके प्रति श्रद्धालु बन गये। कहा जाता है कि मीराबाई उनकी भक्ति-भावना से बहुत प्रभावित हुईं और उनकी शिष्या बन गयी थीं।
उनका प्रसिद्ध दोहा है - जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात ।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात ।।
आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।
सूरज मंडल ने सामाजिक न्याय की धरती पर संत रविदास के उपदेश और उनके स्मरण पर हुए कार्यक्रम को जनहित में बताते हुए, भारतीय जनता पार्टी को बधाई दी है।
सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण: प्रो सूरज यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 10, 2014
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