कौन होगा इस बार BAAP: BJP या AAP ?

|वि० सं०|11 जनवरी 2014|
मोदी फॉर पीएम के बढ़ते कदम थोड़े ठिठक से गए लगते हैं. दावा तो सभी दलों का है कि वे भारत के आम आदमी के विकास के लिए प्रयासशील हैं. उनकी पार्टी ही आम आदमी की पार्टी है. कॉंग्रेस भी अपने को आम आदमी की पार्टी कह रही है और यही हाल भाजपा का भी है. उधर जदयू, राजद, सपा और बाक़ी सब भी अपने को आम आदमी की पार्टी होने का दंभ भर रहे है. आप (आम आदमी पार्टी) तो अपने को ऐसा कह ही रही है.
      पर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि कौन है बड़ी आम आदमी पार्टी (BAAP)? भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोपों से घिरे कॉंग्रेस से लोगों का मोहभंग हो गया लगता है. जैसा दिल्ली के चुनाव में उभर कर सामने आया. दिल्ली के चुनाव में सबसे बड़ी धमक अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सुनाई दी. अचानक से पूरे देश में करोड़ों लोग केजरीवाल के प्रशंसक हो गए. बड़ी-बड़ी कई हस्तियाँ आप में शामिल होने लगी और केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में भी उतरने का फैसला ले लिया.
      भय बाकी पार्टियों को सताने लगा है. यही नहीं दूसरी पार्टियों के बहुत से नेताओं की बात करें तो उनपर ये बात सटीक बैठने लगी कि आप मुझे अच्छे लगने लगे. चर्चा तो यह भी उठी कि मोदी के गुजरात में भी लोग आप के दीवाने होने लगे हैं. यहाँ तक की कांग्रेस और भाजपा जैसी बड़ी पार्टियां भी आप की जीत की समीक्षा कर कमोबेश उन्हीं की राह पर चलकर जीत हासिल करने की योजना बना रही है. कई जानकारों का यह भी मानना है कि अगले लोकसभा चुनाव में आप की वजह से भाजपा को बड़ा घाटा लग सकता है वर्ना इस बार मोदी की लहर के सामने कांग्रेस चारों खाने चित्त होने वाली है.
      दरअसल कॉंग्रेस, भाजपा या अन्य बड़ी पार्टी में पद और टिकट बांटने के तरीके भी विवादास्पद होते रहे हैं. नोट या चमचागिरी के बल पर पद या टिकट लेना आज की कहानी नहीं है. जीत के बाद भी इनकी खास हरकतें आम आदमी को निराश करती रही हैं. आम जनता पुरानी पार्टियों के इन तरीकों में अभ्यस्त हो गए थे, पर आम आदमी पार्टी ने लोगों को जो आईना दिखाया उसमें लोगों को लगने लगा कि पुरानी पार्टियों के इन पारंपरिक तरीकों में बड़ी खामियां हैं.
      लोगों का आकर्षण आम आदमी पार्टी में बढ़ रहा है, पर दिल्ली जैसे छोटे जगह पर लोकप्रियता हासिल कर सत्ता पर काबिज होना और देश स्तर पर सीटें जीतने में काफी फर्क है. ऐसे में लहर के बावजूद सत्ता पर काबिज होने के भाजपा के रास्ते में आए इस आप नामके रोड़े को हटाने में अब भाजपा को और अधिक मिहनत करनी होगी वर्ना पानी की मछली की तरह इस बार सत्ता कहीं आते-आते बीजेपी के हाथों से फिसल न जाए.
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कौन होगा इस बार BAAP: BJP या AAP ? कौन होगा इस बार BAAP: BJP या AAP ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 11, 2014 Rating: 5

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