सीडीपीओ-सेविका गठजोड़ से जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्र बदहाल: एक उदहारण

|विकास आनंद|31 जनवरी 2014|
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति में सुधार की कहीं से कोई गुंजायश नहीं है. कारण सिर्फ और सिर्फ एक है. और वो है सेविका और सीडीपीओ के बीच पैसे का गन्दा खेल. सेविका जानती है कि उसके यहाँ कम बच्चे हैं और टीएचआर समेत अन्य सुविधाओं का यदि लाभ उठाना है तो निर्धारित कमीशन देना ही होगा. बदहाली का दौर जारी है और सूबे में जिन बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर होने चाहिए वे गली में कचरा बीन रहे हैं.
      मुरलीगंज के गोसाईं टोला के केन्द्र संख्यां 12 को ही लीजिए. हम नहीं कहते हैं, लोग कहेंगे और इसी 28 जनवरी को डीपीओ ने जांच में जो पकड़ा वो कुछ तरह है:-
  • सेविका मंजू कुमारी अनुपस्थित
  • सहायिका रेणु कुमारी- ड्रेस में नहीं
  • सेविका मंजू की सुपुत्री श्वेता कुमारी कर रही थी केन्द्र का संचालन
  • केन्द्र पर सिर्फ 20 बच्चे
  • सिर्फ 4 बच्चे ड्रेस में
  • पोषाहार न तो बना था और न ही बनने की कोई तैयारी थी.
  • पूरा केन्द्र अस्त-व्यस्त
  • सेविका और सहायिका की उपस्थिति अलग-अलग रजिस्टरों में.
यह एक सैम्पल भर है, गोदाम में जायेंगे तो सर चकरा जाएगा. चलता है और चलता रहेगा आंगनबाड़ी में लूट का खेल तब तक.....जबतक कि केन्द्रों पर बच्चों की पूरी उपस्थिति सुनिश्चित न कराई जाय.
सीडीपीओ-सेविका गठजोड़ से जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्र बदहाल: एक उदहारण सीडीपीओ-सेविका गठजोड़ से जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्र बदहाल: एक उदहारण Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 31, 2014 Rating: 5

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