पल्स पोलियो में बाल श्रम: पढ़ाई छोड़कर पोलियो ड्रॉप पिलाता छात्र

|एमटी रिपोर्टर|19 नवंबर 2013|
गरीबी हटाओ का नारा भले ही सरकार कई दशकों से लगा रही हो, पर गरीबी है कि जाती नहीं. सरकार की कई योजनाएं धराशायी हो रही हैं और जो पढ़ना चाहते हैं उन्हें पढ़ाई से पहले पेट भरना मुश्किल लगता है. और कई सरकारी विभाग ऐसे लाचार लड़कों से अपना काम निकलवाने में पीछे भी नहीं हैं.
      मधेपुरा नगर परिषद के वार्ड नं. 14 में चल रहे पल्स पोलियो अभियान में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिला रहे एक छात्र से जब उसके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि  उसका नाम उदय कुमार है और उसकी उम्र 14 साल है. उसके पिता का नाम श्रीलाल यादव है और वह मुरहो वार्ड नं. 10 का निवासी है. वह योगेन्द्र उच्च विद्यालय मुरहो में नौवीं क्लास में पढ़ता है. वार्ड नं. 14 के आंगनबाड़ी केन्द्र संख्यां 25 के अर्चना कुमारी के कहने पर वह पढ़ाई छोड़कर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिला रहा है. और इस एवज में उसे 75/- रू० रोज अर्चना से मिलते हैं. मैडम यदि कहीं पोलियो ड्रॉप पिलाती हैं तो वह उस घर के दीवार पर नंबर लिखता है.
      मतलब यह कि जो काम आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिका को करना चाहिए था वह अपनी सुविधा के लिए उस काम को कराने के लिए छात्र के भविष्य से खेल रही है. प्रशासन के अधिकारी एक तरफ बाल श्रम रोकने के लिए सेमिनारों के माध्यम से जागरूकता फैला रही है तो दूसरी तरफ उनके ही मातहत कर्मचारी बाल श्रम को बढ़ावा दे रहे हैं.
पल्स पोलियो में बाल श्रम: पढ़ाई छोड़कर पोलियो ड्रॉप पिलाता छात्र पल्स पोलियो में बाल श्रम: पढ़ाई छोड़कर पोलियो ड्रॉप पिलाता छात्र Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 19, 2013 Rating: 5

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