|मुरारी कुमार सिंह|19 नवंबर 2013|
जिस पत्नी के साथ सात फेरे लेकर पति ने जीवन भर उसका साथ देने की कसमें खाई थी
अब वही पति पत्नी और अपने ही छोटे-छोटे बच्चों के लिए हैवान साबित हो रहा है. पति
अब जो कमाता है वह सिर्फ खुद पर खर्च करना चाह रहा है. दर-दर की ठोकरें खाती
सुनीता के पास अब क़ानून के अलावे और कोई रास्ता नहीं बचा.
घटना मधेपुरा थानाक्षेत्र के
बेला घाट बिनटोली की है. सुनीता देवी का पति लुरक महतो पेशे से राजमिस्त्री है.
करीब पांच साल पहले जब पूर्णियां जिले की सुनीता की शादी जब लुरक से हुई तो शुरू
में सबकुछ ठीक-ठाक रहा. पर इधर लुरक ने जब पत्नी के साथ मारपीट शुरू किया तो
सुनीता की सास और ननद भी सुनीता को बचाने की बजाय बेटे का ही साथ देना शुरू कर दी.
सुनीता बताती है कि वे लोग कहते हैं जहाँ जाना है जाओ और भीख मांग कर खाओ. और आज
भी उनलोगों ने सुनीता को मारपीट कर बच्चों के साथ निकाल दिया. सुनीता के पास सबसे
बड़ी समस्या बच्च्गों को पालने की है. बेटा नीरज महज 4 साल का है, दूसरे बेटे धीरज
की उम्र 3 साल है और सौरभ तो अभी गोद में ही है.
घर से
निकाली गई सुनीता ने हारकर महिला हेल्पलाइन का दरवाजा खटखटाया है. हेल्पलाइन की
परियोजना पदाधिकारी पायल प्रकाश ने कहा कि महिला से आवेदन लेकर उसपर कार्यवाही की
जायेगी और ऐसे मामले में कानून चुपचाप नहीं बैठेगा.
क्रूर पति ने अर्धांगिनी को पीटकर बच्चों सहित घर से निकाला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 19, 2013
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