जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में कार्यरत
मिड-डे-मील वर्कर्स (रसोईया) संगठन का प्रथम सम्मलेन मधेपुरा महाविद्यालय, मधेपुरा
परिसर में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि सबसे छोटे
स्तर के कार्य करने वाली महिला रसोईया का सबसे कम मानदेय देकर शोषण किया जा रहा
है. जबकि ये रसोईया सात से आठ घंटे तक कठिन परिश्रम करती हैं. इनके साथ सबसे क्रूर
मजाक तो यह है कि अगर किसी घरेलू कार्यवश या बीमार होने पर ये छुट्टी केटी हैं तो मानदेय
काट लिया जाता है. वक्ताओं ने एक स्वर से मांग की है कि इनके मानदेय को बढ़ाया जाय
एवं सरकारी कर्मी की तरह इन्हें छुट्टियाँ भी दी जाय. साथ ही इन्हें नियमित रूप से
मानदेय का भुगतान प्रतिमाह किया जाय ताकि ये अपने परिवार का भरणपोषण ढंग से कर
सकें.
इस मौके
पर मंजूला देवी, रामपरी देवी, गणेश सिंह, विनोद कुमार, व्यास प्रसाद यादव ने भी
अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम की अध्यक्षता गणेश मानव कर रहे थे.
[Mid Day Meal Workers active in Madhepura]
[Mid Day Meal Workers active in Madhepura]
मधेपुरा में पहली बार गठित हुआ रसोइया संघ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 27, 2013
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