भयावह प्रताड़ना की शिकार रही थी अभिलाषा: न बचे कसूरवार (भाग-2)

|राकेश सिंह|14 अक्टूबर 2013|
अभिलाषा: खो गई मुस्कराहट (फ़ाइल फोटो)
मधेपुरा के भर्राही ओपी के दरोगा द्रवेश कुमार की पत्नी अभिलाषा उर्फ सपना की पुलिस के सर्विस रिवॉल्वर से हुई मौत के बाद रह-रह कर कई खुलासे हो रहे हैं, पर आरोपी दारोगा के मधेपुरा पुलिस की क्षत्रछाया में खुलेआम घूमने की भी खबर आ रही है.
      दारोगा के गोली की शिकार अभिलाषा शादी (29 मई 2011) के एक महीने के बाद से दारोगा पति के प्रताड़ना की शिकार होने लगी थी. दारोगा द्रवेश कुमार ने अपनी मर्दानगी अपराधियों की बजाय पत्नी पर दिखाते हुए उसे अपने माइके के लोगों से किसी तरह का सम्बन्ध न रखने का फरमान सुना डाला था. अभिलाषा की माँ ने द्रवेश के व्यवहार का खुलासा करते हुए बताया कि सिंहेश्वर थाना में पदस्थापन के दौरान वह अभिलाषा को मारना-पीटना भी शुरू कर दिया था. यही नहीं चिल्लाने पर द्रवेश अभिलाषा के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया करता था और बेल्ट से मारता था.
      अभिलाषा के गर्भावस्था के दौरान भी द्रवेश अभिलाषा का ध्यान नहीं रखता था और अभिलाषा के माँ-पिता के मन में उसी समय यह संदेह गहरा गया कि द्रवेश अभिलाषा को बचने नहीं देगा.
      महज 20 साल की उम्र में ही अभिलाषा ने जिस भयावह दर्द को सहा उसे याद कर अभिलाषा के परिजनों की रूह काँप जाती है. मौत से कुछ महीने पहले अभिलाषा ने अपने माँ-बाप को रोते हुए कहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है, मै आपलोगों को क्या बताऊँ. आपलोग खुश रहिये. एक दारोगा पति की हैवानियत को मन और शरीर पर झेल रही अभिलाषा के मन में पुलिस के प्रति घृणा का भाव इस कदर उत्पन्न हो गया था कि उसने पिता से कहा था कि मेरी एक बात जरूर मानियेगा कि छोटी बहन की शादी एक शिक्षक से भले ही कर दीजियेगा पर कभी भी पुलिसवाले से नहीं.
      अभिलाषा की मौत के बाद आम लोगों के मन में एक सवाल तो बार-बार आ ही रहा है और वो ये कि क्या अभिलाषा की मौत के जिम्मेवार पुलिस पति को पुलिस सजा दिला पाएगी या फिर Law is equal for all (क़ानून सबके लिए समान है) की थ्योरी इस मामले में तार-तार होकर रह जाएगी. (क्रमश:)
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