बड़ी दुर्घटना का इंतजार है इस उपेक्षित सरकारी आवास को

|मुरारी कुमार सिंह|24 सितम्बर 2013|
समाहरणालय से महज सौ मीटर की दूरी पर अवस्थित इस सरकारी क्वार्टर में रहने वाले लोग इनदिनों में दहशत में जी रहे हैं. कईयों की रातें भय से करवटें बदलते कट रही है. कारण इस सरकारी क्वार्टर की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि भूकंप के हल्के झटके को बर्दाश्त करने की क्षमता तो इस भवन में बाक़ी रही नहीं, बहुत से लोगों का अंदाजा है कि इसका कोई हिस्सा खुद-ब-खुद भी गिर सकता है और जानें जा सकती हैं.
      न्यायिक पदाधिकारियों के नए आवास के सामने मौजूद एनएच 107 की शोभा बढ़ा रहे इस तीन मंजिले भवन में कुल 12 क्वार्टर हैं जिसमें बिहार सरकार के विभिन्न कार्यालयों के दर्जन भर परिवार रहते हैं. भवन को एक नजर से देखने पर लगता है जैसे इसके निर्माण में भी लापरवाही बरती गई हो. छत और दीवारें दरक चुकी हैं और बिना बाउण्ड्री के इस भवन के के एक तरफ गन्दा पानी जमा हुआ है जो इसके नींव को खोखला कर रहा है. रहने वाले परिवार बाथरूम और टंकी को कई वर्षों से जर्जर अवस्था में देखने को लाचार हैं. जिला प्रशासन इस कर्मचारियों के वेतन का 7.5% भले ही रखे जआ रहे हो, पर मरम्मत के नाम पर मौन साधे हुए है.
      भवन दुर्घटना का शिकार कभी भी हो सकता है इस खौफ के साये में यहाँ रह रहे परिवार के सदस्यों ने कई बार प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है, पर इस मामले में जिला प्रशासन गांधी के उन तीन बंदरों की तरह दिख रहे हैं जो न तो इस तरफ देखेंगे, न इनकी सुनेंगे और न ही कुछ बोलेंगे. शायद सोये बिल्डिंग विभाग की नींद तब खुलेगी जब यहाँ लोग मौत की नींद में सो जायेंगे.
बड़ी दुर्घटना का इंतजार है इस उपेक्षित सरकारी आवास को बड़ी दुर्घटना का इंतजार है इस उपेक्षित सरकारी आवास को Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 24, 2013 Rating: 5

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