बिकने से बचा बचपन:16 मासूम के साथ 3 दलाल गिरफ्त में

|रणजीत राजपूत, मधेपुरा टाइम्ससहरसा| 11 सितम्बर 2013|
इसे सहरसा रेल पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है. रेल पुलिस ने चाईल्ड लाईन संस्था के गुप्त सूचना पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे सहरसा से पंजाब जाने वाली जनसेवा एक्सप्रेस पर सवार तीन दलाल सहित सोलह मासूम बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले लिया. इन मासूमों के परिजनों को ढेर पैसे का शब्जबाग़ दिखाकर बच्चो को जालंधर ले जा रहे थे. बताते चलें की ये बच्चे सुपौल तथा अररिया जिले के के अलावे पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले हैं, जबकि दो दलाल मधेपुरा और एक दलाल सुपौल जिला का रहने वाला है. रेल पुलिस और चाईल्ड लाईन ने बच्चों के परिजनों को बच्चों की बरामदगी की जहां सूचना दे दी है वहीँ आगे की तफ्तीश में भी जुटी हुयी है.
      रेल पुलिस की गिरफ्त में आया ये तीनों दलाल है. मोहम्मद मुस्लिम और अजय राम जहां मधेपुरा जिले के सरौनी गाँव का रहनेवाला वाला है वहीँ पवन कुमार सुपौल जिले के हरी पट्टी गाँव का रहने वाला है. पुलिस अधिकारी घटना की पूरी जानकारी देते हुए आगे उचित कारवाई का भरोसा दे रहे हैं.
क्या है स्थिति ?: कोसी के इलाके में अभी भी लाखों परिवार भूख मिटाने की जंग लड़ रहे हैं. इनके बच्चों को सपने देखने की आजादी नहीं है. कोसी इलाके में बच्चे कच्ची उम्र में ही पढाई कर ऊँची मंजिल पाने के सपनों को कुचलकर कुछ काम कर रोजी-रोटी के इंतजाम में जुट जाते हैं. आंकड़े गवाह हैं कि मानव तस्करों की गिद्ध दृष्टि इस इलाके प़र लगी रहती है जहां के मजबूर माँ-बाप तरह-तरह के शब्जबाग के झांसे में आकर अपने बच्चों का सौदा मानव सौदागरों से करने से भी गुरेज नहीं करते हैं.
रेल थाना में लाये गए ये बच्चे पंजाब के जालंधर ले जाए जाने के दौरान आज जनसेवा एक्सप्रेस से बरामद किये गए हैं. दलाल इन्हें बहला-फुसलाकर जालंधर ले जा रहे थे. यह सच है कि जिन मासूम हाथों में कलम--किताब होनी चाहिए वह मज़बूरी में कमाने के लिए परदेश भी जा रहे हैं. देखिये इन मासूमों की आँखों को. इनकी विवशता व्यवस्था और हुक्मरानों से कई सवाल एक साथ कर रहे हैं. गरीबी क्या होती है ज़रा इनकी बेजा चिथड़ों में लिपटी जिन्दगी में उतरकर देखिये.
           कोसी इलाके में मासूम सपनों की बलि चढाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. सरकार के कागजी आंकड़े और जमीनी सच में कोई मेल नहीं है. गरीब के लिए ही लगभग सारी बड़ी योजनायें है लेकिन गरीब को इन योजनाओं का फलाफल मिलना तो दूर इन योजनाओं की पूरी जानकारी भी नहीं हो पाती है और उनकी अर्थी निकल जाती है. जबतक गरीबी और रोजगार का टोंटा रहेगा इस इलाके में मानव तस्कर बच्चों को खरीदते रहेंगे.
बिकने से बचा बचपन:16 मासूम के साथ 3 दलाल गिरफ्त में बिकने से बचा बचपन:16 मासूम के साथ 3 दलाल गिरफ्त में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 11, 2013 Rating: 5

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