|मटासं|10 सितम्बर 2013|
इस माँ गुलाब देवी को यदि पता होता कि इस मामूली सी
बात के कारण यदि उसके बेटे कि हत्या हो जायेगी तो वह जिद करके भी अपनी बात बेटे
जयकुमार से मनवा लेती. माँ की बात न रखने की सजा जयकुमार को गोली खाकर चुकानी पड़ी.
घटना 27
मई 1995 के रात की है जब बिहारीगंज थाना के पड़डीया टोला के जयकुमार को शम्भू यादव
और बेचन यादव ने सिर्फ इसलिए गोली मार दी कि उसने अपना आम का पेड़ नहीं बेचकर उसे
खुद के सम्बन्धियों को पत्नी के दुरागमन के अवसर पर खिलाना चाहता था, जबकि जयकुमार
की माँ ने कुछ आम के पेड़ को 450/ रू० प्रति पेड़ और 70 आम की दर से शम्भू और बेचन
को बेचने की बात कर डाली थी. माँ की बात नहीं मानकर जयकुमार के द्वारा पेड़ शम्भू
और बेचन को नहीं बेचने पर इन दोनों ने जयकुमार गोली मार देने की धमकी दे डाली थी
और फिर घटना की रात दोनों ने धमकी को अंजाम तक पहुंचा दिया.
मधेपुरा
के तदर्थ न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश श्री योगेश नारायण सिंह ने शम्भू यादव और
बेचन यादव को जयकुमार की हत्या का दोषी करार दिया.
माँ की बात न मानने पर हुई थी हत्या: हत्यारे को सजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 10, 2013
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