पांच दिनों पर अनशन तो टूटा, पर क्या हटेंगी वेश्याएं ?

पांच दिनों तक रहा अनशन
|वि० सं०|21 अगस्त 2013|
सिंहेश्वर में घनी आबादी के बीच वेश्यावृत्ति चलने के मामले पर जिला युवा रालोसपा के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह के अनशन को तो अधिकारियों ने पांचवे दिन दस दिनों के अंदर कार्यवाही का भरोसा देकर तुड़वा दिया पर सबसे बड़ा सवाल अब भी यही है कि क्या अधिकारी सिंहेश्वर अंचल कार्यालय के समक्ष प्रखंड के सरकारी पोखर पर बसे कथित वेश्याओं से सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के
अनशनस्थल पर अधिकारी
प्रति वाकई गंभीर होंगे ?

      यहाँ हम पाठकों को बता दें कि इस अतिक्रमण को हटाने के लिए पूर्व में प्रशासन के द्वारा कई कार्यवाहियां की जा चुकी है, पर स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता और अकर्मण्यता से समस्या जस की तस बनी हुई है.
      अतिक्रमण हटाने के लिए चला रहे आंदोलन की अगुआई कर रहे ब्रजेश सिंह का कहना है कि जब उन्होंने अपना आन्दोलन तेज किया था तो वेश्याओं और उसके समर्थकों ने उन्हें एक झूठे मुक़दमे में फंसा दिया था.
      मधेपुरा टाइम्स ने जब इस पूरे मामले की गहरी छानबीन की तो जिले के वरीय अधिकारियों की कर्तव्यहीनता तो इस मामले में नजर आई ही, साथ ही आपराधिक तत्वों और जिले में देह धंधे चलाने वाले कई सफेदपोश लोगों की ताकत भी इस आंदोलन को कुचलने के प्रयास में दिखी.
      किन अधिकारियों की कर्तव्यहीनता या मूक सहमति की वजह से सिंहेश्वर में चल रहा है देह-धंधा और कौन से लोग है इसमें शामिल ? (अगली रिपोर्ट में करेंगे हम कुछ अहम खुलासे सबूत के आधार पर)
पांच दिनों पर अनशन तो टूटा, पर क्या हटेंगी वेश्याएं ? पांच दिनों पर अनशन तो टूटा, पर क्या हटेंगी वेश्याएं ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 21, 2013 Rating: 5

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